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कनाडा में अब भारतीय छात्रों का पढ़ना हुआ महंगा, जानिए किस वजह से आए बदलाव

कनाडा ने इंटरनेशनल स्टूडेंट फंड दोगुना 20,635 डॉलर कर दिया है। ऐसे में विद्यार्थियों को भी वहां रहने और पढ़ाई के लिए दोगुनी जेब ढीली करनी होगी।

Dec 09, 2023 / 09:20 am

Shaitan Prajapat

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अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थियों के लिए रहने और पढ़ने की शर्तों को आसान बनाने की बजाय कनाडा सरकार इन्हें और मुश्किल बना रही है। ऐसे ही एक तुगलकी फैसले में इंटरनेशनल स्टूडेंट्स फंड को 10 हजार डॉलर से बढ़ाकर 20,635 डॉलर किया जा रहा हैँ। ऐसे में विद्यार्थियों को भी वहां रहने और पढ़ाई के लिए दोगुनी जेब ढीली करनी होगी। सरकार का कहना है कि इस राशि से यह साबित हो पाएगा कि विद्यार्थियों के पास कनाडा में रहने और खाने और पढ़ने के लिए पर्याप्त पैसे का इंतजाम है। कनाडा की सरकार के इस तुगलकी फैसले से दुनियाभर के उन विद्यार्थियों पर असर पड़ेगा जो कनाडा आकर पढ़ना चाहते हैं। इस बदलाव से भारतीय छात्रों, विशेषकर पंजाब के स्टूडेंट पर असर पड़ेगा जो कनाडा के लिए छात्र वीजा चाहने वाले वार्षिक आवेदकों के एक बड़े हिस्से का प्रतिनिधित्व करते हैं। वर्ष 2022 में, लगभग 2.26 लाख भारतीयों ने पढ़ाई के लिए कनाडाई वीजा हासिल किया, जिसमें लगभग 1.36 लाख पंजाब से थे। इन बदलावों से उन्हें परेशानी हो सकती है, जिनके परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर है और जो दूसरे देशों में अपेक्षाकृत महंगी पढ़ाई के चलते कनाडा जाकर पढ़ना चाहते हैं। कनाडा के आप्रवासन, शरणार्थी और नागरिकता मंत्री, मार्क मिलर ने इस बदलाव का ऐलान किया है। नया फैसला 1 जनवरी 2024 से लागू हो जाएगा।

अगले साल से करना होगा अधिक धन का बंदोबस्त
कनाडा के आव्रजन, शरणार्थी और नागरिकता कनाडा (आईआरसीसी) की एक घोषणा में कहा गया है कि अगले साल 1 जनवरी या उसके बाद प्राप्त नए अध्ययन परमिट आवेदनों के लिए, एक एकल आवेदक को ‘यह दिखाना होगा कि उनके पास 20,635 कनाडाई डॉलर (लगभग 12.7 लाख रुपए) हैं।’ जबकि पहले 10,000 कनाडाई डॉलर (लगभग 6.14 लाख रुपए) थे। नए बदलाव के तहत, छात्रों को रहने और पढ़ाई की पूरी लागत के आधे हिस्से का इंतजाम पेपर्स में दिखाना होगा। पहले यह रकम छात्रों की पढ़ाई के स्तर के आधार पर होती थी। आवेदन करते समय किसी संस्थान में एक वर्ष के अध्ययन के लिए धन का प्रमाण और साथ ही कनाडा के लिए हवाई किराया प्रदान करने की आवश्यकता शामिल है।


जीवनयापन की बढ़ी लागत की दी सफाई
जीवनयापन की लागत निधि को एक नामित कनाडाई बैंक में वायर ट्रांसफर के माध्यम से जमा किया जाता है, जिसे गारंटीकृत निवेश प्रमाणपत्र या जीआईसी खाता कहा जाता है। बैंक यह राशि जमा करने के बाद गारंटीड इन्वेस्टमेंट सर्टिफिकेट (जीआईसी) जारी करते हैं और वर्तमान में इस खाते से खर्च के आधार पर मासिक निकासी की सीमा लगभग 670 डॉलर है। हालांकि, महंगाई और संशोधित न्यूनतम सुरक्षा राशि को देखते हुए यह सीमा दोगुनी होने की संभावना है। यह अतिरिक्त बोझ विद्यार्थियों को कनाडा में अपनी शिक्षा प्राप्त करने से बाधित करेगा।


भारतीय स्टूडेंट्स में पहले से ही आई गिरावट
कनाडा में पढ़ाई के लिए आवेदन करने वाले भारत के छात्रों की संख्या में इस साल की दूसरी छमाही में नाटकीय रूप से गिरावट आई है। जुलाई से अक्टूबर की अवधि के लिए, भारत से नए स्टडी परमिट के लिए आवेदनों की संख्या पिछले साल के कुल 145,881 से घटकर 2023 की समान अवधि में केवल 86,562 रह गई, जो लगभग 40% की गिरावट है। आवेदनों में यह गिरावट महंगी जीवन-यापन लागत के चलते आई है, जिसमें अब और बढ़ोतरी होगी। अधिक से अधिक अंतर्राष्ट्रीय छात्र सोशल मीडिया पर कनाडा में उनके सामने आने वाली कठिनाइयों के बारे में पोस्ट कर रहे हैं, विशेष रूप से रहने की उच्च लागत और अवसरों की कमी के बारे में बता रहे हैं।


घट जाएंगे कनाडा में विदेशी विद्यार्थी
विद्यार्थियों के लिए आरक्षित निधि को दोगुना करने से आवेदनों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा क्योंकि स्टूडेंट को वीजा के लिए आवेदन करने में जो राशि खर्च करनी पड़ेगी वह अब बढ़ जाएगी। अनुमान है कि कनाडा में पैर रखने से पहले यह लगभग 35 से 50 लाख रुपए तक पहुंच जाएगी।
—नरेश चावड़ा, आव्रजन विशेषज्ञ, ओंटारियो

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स्टूडेंट की सुविधा के लिए किया फैसला
इस फैसले को कनाडा में अंतरराष्ट्रीय छात्रों की सफलता और भलाई सुनिश्चित करने वाले प्रोजेक्ट के तौर पर देखना चाहिए। हम जीवन-यापन की लागत सीमा को संशोधित कर रहे हैं ताकि इंटरनेशनल स्टूडेंट मौजूदा दौर में यहां रहने की वास्तविक लागत को समझ सकें।
—मार्क मिलर, आव्रजन, शरणार्थी और नागरिकता मंत्री, कनाडा

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