झूठी सूचना फैलाने का आरोप
दरअसल, पुतिन अब तक यूक्रेन के खिलाफ चल रहे इस संघर्ष को विशेष सैन्य अभियान कहकर बुलाते आए हैं। यही नहीं मार्च 2022 में पुतिन ने एक कानून पर भी हस्ताक्षर किए थे जिसके अंतर्गत सैन्य बलों के खिलाफ जानबूझकर झूठी सूचना फैलाए जाने पर उनके खिलाफ मुकद्मा चलाया जा सकता है। लेकिन अब जब पुतिन ने खुद ही यूक्रेन के खिलाफ कथित सैन्य अभियान को युद्ध की संज्ञा दी है तो विपक्षी काउंसलर निकिता युफेरेव ने पूछा है कि अब पुतिन के खिलाफ भी एक जांच शुरू की जाए।
दरअसल, पुतिन अब तक यूक्रेन के खिलाफ चल रहे इस संघर्ष को विशेष सैन्य अभियान कहकर बुलाते आए हैं। यही नहीं मार्च 2022 में पुतिन ने एक कानून पर भी हस्ताक्षर किए थे जिसके अंतर्गत सैन्य बलों के खिलाफ जानबूझकर झूठी सूचना फैलाए जाने पर उनके खिलाफ मुकद्मा चलाया जा सकता है। लेकिन अब जब पुतिन ने खुद ही यूक्रेन के खिलाफ कथित सैन्य अभियान को युद्ध की संज्ञा दी है तो विपक्षी काउंसलर निकिता युफेरेव ने पूछा है कि अब पुतिन के खिलाफ भी एक जांच शुरू की जाए।
पुतिन का पाखंड होगा उजागर निकिता ने ये भी कहा है कि उन्हें पता है कि उनकी इस शिकायत का कोई परिणाम नहीं निकलने वाला, लेकिन उन्होंने इस बात पर जोर दिया है कि इस बात को जितनी बार दोहराया जाए, उतनी बार लोगों को पुतिन के फैलाए गए झूठ और पाखंड को समझने में मदद मिलेगी।