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NRI Special : CAA का अमरीका के अधिकतर भारतवंशियों ने स्वागत किया, विरोध में भी उठे कुछ स्वर

भारत में लागू किए गए नागरिकता संशोधन विधेयक ( CAA) का अमरीका के अधिकतर भारतवंशियों ( nri news in hindi) ने स्वागत किया है। उन्होंने इस पर व्यापक प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उत्तरी अमरीका के हिंदुओं के संगठन की पुष्पिताप्रसाद का कहना है कि यह पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के उत्पीड़ित धार्मिक अल्पसंख्यकों के मानवाधिकारों के लिए एक बड़ी जीत है। उधर आईएएमसी (iamc) ने की सीएए लागू करने की घोषणा की निंदा ( protest)की है।
 

Mar 12, 2024 / 06:04 pm

M I Zahir

स्वतंत्रता और एक नए जीवन का मार्ग प्रशस्त
इस विषय पर भारतवंशी (latest nri news in hindi) धर्म शुक्ला का विचार है कि मुझे दुनिया के दोनों सबसे पुराने और सबसे बड़े धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्रों – अमरीका और भारत – को उन लोगों के लिए स्वतंत्रता और एक नए जीवन का मार्ग प्रशस्त कर के आशा की किरण बनते हुए देखने पर गर्व है, जिन्होंने केवल उनके कारण घोर मानवाधिकार उल्लंघन का सामना किया है।

किसी धर्म पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा
प्रवासी भारतीय ( nri news) प्रसाद का कहना है कि सीएए का किसी भी धर्म के मौजूदा भारतीय नागरिकों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। यह लगभग 31,000 धार्मिक अल्पसंख्यकों के लिए भारतीय नागरिकता प्रक्रिया को तेजी से ट्रैक करता है, जो अत्यधिक और प्रणालीगत उत्पीड़न के कारण पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भाग गए थे।
इस विषय पर लोगों को एजुकेट करने की जरूरत
उन्होंने कहा कि हम अमरीका (america) और कनाडा (canada) के निवासियों से खुद को और अपने आसपास के लोगों को इस विषय पर समझाने और एजुकेट करने की जरूरत है। ध्यान रहे कि कोहेन ने इस विषय पर किए जा रहे फर्जी प्रचार का मुकाबला करने व गलत सूचना को फिर से फैलने से रोकने के लिए सन 2020 में सीएए पर एक शिक्षा और वकालत अभियान चलाया था, जिसके तहत इसके खिलाफ आठ शहरों ने प्रस्ताव पारित किया था।
आईएएमसी ने की सीएए लागू करने की घोषणा की निंदा
दूसरी ओर, भारतीय अमेरिकी मुस्लिम परिषद ने भारत की ओर से सीएए लागू करने की घोषणा की निंदा की और गंभीर चिंता व्यक्त की, जिसे उसने “भेदभावपूर्ण” बताया है। आईएएमसी अध्यक्ष मोहम्मद जवाद का कहना है कि यह कानून भेदभावपूर्ण इरादे की एक प्रमुख अभिव्यक्ति है, जिसे भारतीय मुसलमानों के साथ भेदभाव करने, बेदखल करने और मताधिकार से वंचित करने के स्पष्ट उद्देश्य से बनाया गया है। प्रस्तावित राष्ट्रव्यापी राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर के साथ विचार करने पर इसका कपटपूर्ण उद्देश्य स्पष्ट रूप से स्पष्ट हो जाता है।

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