इस्लामाबाद की तरफ बढ़ रहे प्रदर्शनकारी
दरअसल इमरान ख़ान की पत्नी बुशरा बीबी (Bushra Bibi) और खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री अली अमीन गंडापुर “करो या मरो” वाले विरोध प्रदर्शन के लिए इस्लामाबाद की तरफ बढ़ रहे प्रदर्शनकारियों के कारवां का नेतृत्व कर रहे हैं। एक ऐसा वीडियो सामने आया है, जिसमें बुशरा बीबी सीएम गंडापुर के साथ कंटेनर पर खड़े होकर पीटीआई कार्यकर्ताओं में जोश भरती दिखाई दे रही हैं। पाकिस्तान
तहरीक-ए-इंसाफ के नेता और कार्यकर्ता जेल में बंद इमरान ख़ान के आदेश के बाद रविवार से मौजूदा सरकार के खिलाफ “करो या मरो” विरोध प्रदर्शन करने के लिए इस्लामाबाद की ओर बढ़ रहे हैं।
पीटीआई की चार मांगें
- 26वें संवैधानिक संशोधन को रद्द करें, लोकतंत्र और संविधान को “बहाल” करें, जनता का जनादेश वापस करें और सभी “निर्दोष राजनीतिक” कैदियों को रिहा करें।
इस्लामाबाद हाई कोर्ट के अधिकारियों को निर्देश देने के बावजूद कि नए शांतिपूर्ण विधानसभा कानून का उल्लंघन करते हुए, पार्टी को राजधानी में विरोध प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं दी जाए. इसके बाद भी पीटीआई कार्यकर्ता आगे बढ़ रहे हैं।
इमरान खान की पार्टी ने हाल के महीनों में कई बार इस्लामाबाद तक मार्च किया है, उनके कार्यकर्ता कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ झड़प कर रहे हैं और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
पीटीआई कार्यकर्ताओं ने रविवार को बेलारूसी राष्ट्रपति की यात्रा से एक दिन पहले विरोध प्रदर्शन शुरू किया।
प्रमुख शहरों में इंटरनेट बंद
शहबाज सरकार विरोध से निपटने के लिए देश के प्रमुख शहरों में इंटरनेट बंद करने समेत सख्त सुरक्षा कदम उठा रही हैं।
पाकिस्तान सरकार ने इस्लामाबाद में दो महीने के लिए धारा 144 लागू कर दी है व रेंजर्स और फ्रंटियर कांस्टेबुलरी (एफसी) यूनिट्स के साथ 8,000 अतिरिक्त पुलिस अधिकारियों को इस्लामाबाद में तैनात किया है।
इस्लामाबाद प्रशासन के अलावा, पंजाब सरकार ने भी 23 नवंबर से 25 नवंबर तक 3 दिनों के लिए पूरे प्रदेश में धारा 144 लागू की है । वहीं 10,700 से ज्यादा पुलिसकर्मियों को स्टैंडबाय पर रखा गया है। उल्लेखनीय है कि अप्रेल 2022 में अविश्वास प्रस्ताव के जरिए इमरान खान को प्रधान मंत्री पद से हटाने के बाद से पीटीआई कार्यकर्ताओं ने कई बार विरोध प्रदर्शन किए हैं।
इस्लामाबाद की ओर बढ़ रहा PTI समर्थकों का काफ़िला
मौके के हालात ये हैं कि पीटीआई समर्थकों का काफिला शक्ति प्रदर्शन के लिए लगातार इस्लामाबाद की ओर बढ़ रहा है। ये काफिला सोमवार तड़के गाजी बरोथा पुल को पार कर गया है। जगह-जगह पुलिस का पहरा है। चप्पे-चप्पे पर नजर रखी जा रही है। लाहौर प्रशासन ने तड़के महानगर के कई हिस्सों में यातायात आंशिक रूप से बहाल कर दिया है। दाता दरबार, आजादी चौक, शाहदरा और शहर के अन्य इलाकों में यातायात आंशिक रूप से बहाल किया गया है।
संघीय राजधानी के लिए कूच
पाकिस्तान के गृहमंत्री मोहसिन नकवी ने रविवार को ‘इस्लामाबाद की सुरक्षा’ का संकल्प लिया, जबकि पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के हजारों समर्थक भारी सुरक्षा बलों की तैनाती और मोबाइल और इंटरनेट सेवाओं पर रोक के बीच विरोध प्रदर्शन करने के लिए संघीय राजधानी के लिए कूच कर रहे हैं।
इमरान की रिहाई के लिए शक्ति प्रदर्शन
जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने 13 नवंबर को, 24 नवंबर को देशव्यापी विरोध प्रदर्शन के लिए ‘‘अंतिम आह्वान” किया था। उन्होंने जनादेश की चोरी, लोगों की अन्यायपूर्ण गिरफ्तारी और 26वें संशोधन के पारित होने की निंदा की और कहा कि इसने ‘‘तानाशाही शासन” को मजबूत किया है। इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी ने जनता से ‘‘गुलामी की बेड़ियां तोड़ने” के लिए मार्च में शामिल होने का आह्वान किया है।
रेंजर्स को तैनात किया गया
इस केस में गृह मंत्री खुद दौरे के लिए डी-चौक पहुंचे, जहां पर इमरान की पार्टी प्रदर्शन करने की योजना बना रही है। डी-चौक कई अहम सरकारी इमारतों के बीच मौजूद है, जिनमें राष्ट्रपति आवास, प्रधानमंत्री कार्यालय, संसद और उच्चतम न्यायालय भी है। यहां इलाके की निगरानी के लिए पुलिस और फ्रंटियर कांस्टेबुलरी के साथ रेंजर्स को तैनात किया गया है।
डी-चौक पर सुरक्षा का सख्त पहरा
नकवी ने मीडिया से कहा कि सरकार को सख्त सुरक्षा उपाय करने के लिए मजबूर होना पड़ा है। उन्होंने कहा, “एक विकल्प यह है कि हम उन्हें आने दें और इस्लामाबाद को पंगु बना दें। दूसरा विकल्प इस्लामाबाद की सुरक्षा करना है।” गृहमंत्री ने कहा कि डी-चौक की ओर मार्च करने वालों को गिरफ्तार किया जाएगा। नाकेबंदी ‘‘पिछली बार जितने बुरे नहीं थे” और सरकार असुविधा से जूझ रहे लोगों को यथासंभव राहत देने की कोशिश कर रही है।