एक साल तक का समय लगेगा
संशोधित मानचित्र में कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा के भारतीय क्षेत्रों को नेपाल का हिस्सा दिखाया गया है। पोखरेल ने सुझाव दिया है कि इन बैंक नोटों के उत्पादन को अंतिम रूप देने में छह महीने से एक साल तक का समय लगेगा। इस संबंध में बैंक के मुख्य प्रवक्ता से आगे की टिप्पणी लेने के प्रयास असफल रहे, क्योंकि वे प्रतिक्रिया के लिए उपलब्ध नहीं थे। नेपाली मुद्रा
ध्यान रहे कि नेपाल के तत्कालीन प्रधानमंत्री
पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ Pushpa Kamal Dahal के नेतृत्व में 3 मई को मंत्रिमंडल ने सबसे पहले नए बैंक नोट छापने का निर्णय लिया था। रुपया नेपाल की आधिकारिक मुद्रा है। वर्तमान मुद्रा का कोड आईएसओ 4217 NPR है और इसका सामान्यत: चिह्न रु॰ है। नेपाली रुपया 100 पैसों में बँटे हुए हैं। नेपाल राष्ट्र बैंक का इस मुद्रा के निर्गमन पर नियंत्रण रहता है। कई अन्य राष्ट्रों की मुद्रा भी रुपया कहलाते हैं। नेपाली मुद्रा का भारतीय रुपया के साथ स्थिर विनिमय है।
यह है विवाद
भारत और नेपाल के बीच लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा के कुछ हिस्सों को लेकर विवाद नया नहीं है। भारत इन इलाकों को लेकर पहले भी कड़ी प्रतिक्रिया दे चुका है। भारत ने कहा है कि ये तीनों इलाके भारत के अहम हिस्से हैं।
रिश्तों में खटास आएगी
इससे पहले 18 जून, 2020 को नेपाल ने अपने संविधान में संशोधन कर के रणनीतिक रूप से अहम तीन इलाकों लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा को नेपाल का हिस्सा बताया था, तब भी भारत ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई थी। अब नेपाल के नोट पर इन क्षेत्रों को दिखाने से विवाद और गहराएगा व रिश्तों में खटास आएगी।