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Bangladesh: बांग्लादेश में फिर भड़की हिंसा, अब युनूस सरकार के खिलाफ उतरे हजारों छात्रों, 40 गंभीर घायल 

Bangladesh: बांग्लादेश में शेख हसीना के इस्तीफे के बाद भी हिंसा फिर से भड़क गई है। बीती पूरी रात हजारों छात्रों ने सड़कों पर जमकर तांडव मचाया।

नई दिल्लीAug 26, 2024 / 10:04 am

Jyoti Sharma

bangladesh Violence

Bangladesh: बांग्लादेश में तख्तापलट और अंतरिम सरकार बनने के बावजूद हिंसा खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। अब रविवार रात को फिर से हिंसा भड़क उठी। बांग्लादेश की राजधानी ढाका (Dhaka) में सचिवालय के पास प्रदर्शनकारी अंसार सदस्यों और हजारों छात्रों के बीच हिंसक झड़प हो गई जिसमें 40 लोग घायल हो गए हैं। घायलों को पास के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हैरानी वाली बात ये है कि पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना (Sheikh Hasina) के इस्तीफे के बाद भी ये हिंसा थम नहीं रही है क्योंकि ये दंगाई शेख हसीना के इस्तीफे की भी मांग रहे थे।

छात्रों और अंसार सदस्यों में हिंसक झड़प

बांग्लादेश (Bangladesh) की मीडिया डेली स्टार की रिपोर्ट के अनुसार ढाका मेडिकल कॉलेज अस्पताल (DMCH) के पुलिस कैंप प्रभारी (निरीक्षक) मोहम्मद बच्चू मिया ने कहा कि घायलों का अस्पताल में आना रात करीब साढ़े नौ बजे शुरू हुआ। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक के अनुसार, झड़प के दौरान ढाका विश्वविद्यालय के संवाददाता आसिफ हवलदार गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें शहर के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। यह घटना उस समय हुई जब एक हजार से ज्यादा छात्र, जिनमें से कई लाठी लेकर सचिवालय की तरफ बढ़ कर रहे थे। 

रात भर सड़कों पर मचाया तांडव

अंसार सदस्य पहले से ही सचिवालय के एंट्री गेट को रोकते हुए विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। सूत्रों ने बताया कि भेदभाव विरोधी छात्र आंदोलन के कई संयोजकों ने छात्रों को सचिवालय की ओर रैली निकालने के वास्ते राजू मूर्ति पर इकट्ठा होने के लिए आमंत्रित किया। छात्रों के रात करीब 9:20 बजे इलाके में पहुंचने पर अंसार सदस्य पहले तो पीछे हट गए। बाद में उन्होंने लाठी-डंडों से छात्रों को खदेड़ दिया। उन्होंने छात्रों को निशाना बनाकर ईंटें फेंकना भी शुरू कर दिया, जिसके बाद दोनों समूहों के बीच झड़प हो गई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, झड़प रात 10:00 बजे तक जारी रही। 

‘हमें नहीं चाहिए कोई अंसार’

चैतन्य हुसैन नामक एक छात्र ने कहा कि झड़प के दौरान छात्र और अंसार के सदस्य दोनों घायल हुए हैं। एक अन्य छात्र मुराद मंडल ने कहा कि वे विश्वविद्यालय क्षेत्र में बाढ़ पीड़ितों के लिए राहत सामग्री एकत्र करने और वितरित करने में व्यस्त थे। यह जानने पर कि अंसार के सदस्यों ने कुछ अधिकारियों और सलाहकारों को सचिवालय में घेर लिया है, तो उन्होंने सचिवालय की ओर मार्च करने का फैसला किया। उन्होंने कहा, “हमें अपने देश में किसी अंसार की जरूरत नहीं है।” अंतरिम सरकार द्वारा सुरक्षा बल में “आराम की परंपरा” को समाप्त करने के आश्वासन के बावजूद अंसार के सदस्यों द्वारा अपना विरोध वापस लेने से इनकार करने के बाद झड़पें हुईं।

क्या है ये अंसार

शेख हसीना के इस्तीफे के बाद नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद युनूस ने सत्ता संभाली है। अंसार वाहिनी जो कि आर्म्ड फोर्स है (सेना) ये मोहम्म्द युनूस ने ही गठित की है। इसका नाम अंसार वाहिनी है।

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