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Bangladesh Sheikh Hasina : क्या ‘रजाकारों’ को मिलेगा आरक्षण? सिर्फ एक सवाल पर PM हसीना को छोड़ना पड़ा देश, जानिए 20 दिन में कैसे बदल गया बांग्लादेश?

Prime Minister Sheikh Hasina resigns and leaves country : शेख हसीना ने प्रदर्शनकारियों को ‘रजाकार’ की संज्ञा दी। उन्होंने यह भी कहा कि स्वतंत्रता सेनानियों के पोते-पोतियों को कोटा नहीं मिलता है, तो क्या रजाकारों के पोते-पोतियों को मिलेगा?’ बांग्लादेश में रजाकार उन्हें कहा जाता है जिन्होंने 1971 में पाकिस्तानी सेना का साथ दिया था।

नई दिल्लीAug 05, 2024 / 07:35 pm

Anand Mani Tripathi

बांग्लादेश में पिछले कई महीनों से चिंगारी सुलग रही थी। इस आग में चीन, पाकिस्तान और अमरीका अपने अपने तरीके से घी डाल रहे थे। इसी बीच नौकरी में स्वतंत्रता सेनानियों के वंशजों को आरक्षण की चिंगारी ने पिछले 20 दिनों में यह चिंगारी इतनी बड़ी दावानल बन गई कि देश के पूरे लोकतंत्र को ही जला डाला। आलम यह हो गया कि प्रधानमंत्री शेख हसीना को इस्तीफा देकर अपना देश छोड़ना पड़ा और अब पूरे देश की कमान बांग्लादेश की सेना ने संभाल ली है। पिछले 20 दिनों आरक्षण की आग में 300 लोगों की मौत हो गई है। वह भी तब जब जुलाई में ही वहां के उच्चतम न्यायालय ने इस आरक्षण को खत्म कर दिया था। आइये जानते हैं कि बांग्लादेश में आरक्षण आंदोलन में कब क्या हुआ…

बांग्लादेश में आरक्षण आंदोलन…

15 जुलाई
ढाका विश्वविद्यालय में पुलिस और सत्तारूढ़ अवामी लीग समर्थित छात्र संगठन की झड़प में 300 से अधिक लोग घायल। शेख हसीना ने प्रदर्शनकारियों को ‘रजाकार’ की संज्ञा दी। उन्होंने यह भी कहा कि स्वतंत्रता सेनानियों के पोते-पोतियों को कोटा नहीं मिलता है, तो क्या रजाकारों के पोते-पोतियों को मिलेगा?’ बांग्लादेश में रजाकार उन्हें कहा जाता है जिन्होंने 1971 में पाकिस्तानी सेना का साथ दिया था।
16 जुलाई
ढाका, चटगांव और रंगपुर में प्रदर्शनकारी छात्रों और सुरक्षाबलों की झड़प में छह मौत

17 जुलाई
छात्रों के अंतिम संस्कार में हमला। विरोध में राष्ट्रव्यापी बंद की घोषणा। प्रधानमंत्री शेख हसीना ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए न्यायिक जांच की घोषणा की।
18 जुलाई
19 जिलों में हुई झड़पों 29 लोगों की मौत हो गई। पूरे देश में इंटरनेट सेवा बंद और मेट्रो रेल परिचालन बंद कर दिया।

19 जुलाई
आधी रात से सरकार ने पूरे देश में कर्फ्यू की घोषणा की। आगजनी और तोड़फोड़ में 66 लोगों की मौत
20 जुलाई
कर्फ्यू के पहले दिन 21 लोगों की मौत। बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के कई नेताओं को हिरासत में लिया गया।

21 जुलाई
उच्च्तम न्यायालय ने आरक्षण को 56 से घटाकर सात प्रतिशत कर दिया। स्वतंत्रता सेनानियों के वंशजों को पांच फीसदी आरक्षण।
22 जुलाई
बीएनपी और जमात नेताओं की गिरफ्तारी लगातार जारी रही। 146 लोगों की हुई मौत।

23 जुलाई
आरक्षण सुधार परिपत्र जारी होने के बाद भी आंदोलन में कोई कमी आना शुरू

24 जुलाई
प्रदर्शन बंद, इंटरनेट, बस सेवाएं आंशिक रूप शुरू
25 जुलाई
विपक्षी नेताओं को गिरफ्तारी जारी और सोशल मीडिया पर प्रतिबंध

26 जुलाई
पुलिस की खुफिया शाखा ने तीन आयोजकों को हिरासत में लिया और बीएनपी ने सरकार को हटाने का आह्वान किया।

27 जुलाई
शेख हसीना ने अस्पताल का दौराकर कहा कि देश को कमजोर करने के लिए हिंसा की गई। वहीं 14 विदेशी मिशनों ने सरकार से सुरक्षाबलों को गलत कार्रवाई को गलत कहा।
28 जुलाई
देश भर में कार्रवाई जारी रही। ढाका में 200 से ज्यादा मामले दर्ज करते हुए 2.13 लाख लोगों को अभियुक्त बनाया गया। 147 लोगों की मौत। इंटरनेट बंद।

29 जुलाई
बांग्लादेश ने कट्टरपंथी जमात-ए-इस्लामी पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की।
30 जुलाई
शिक्षकों और छात्रों ने निकाला मौन जुलूस। शेख हसीना ने कहा न्यायिक जांच में विदेशी मदद लेगी बांग्लादेश सरकार।

31 जुलाई
राष्ट्रव्यापी शोक के प्रदर्शनकारियों ने ठुकराया। सभी परीक्षार्थियों को जेल से न छोड़े जाने तक सभी परीक्षाओं के बहिष्कार की घोषणा।
1 अगस्त
जमात-ए-इस्लामी पर प्रतिबंध लगाया गया। छह आयोजकों को किया गया रिहा।

2 अगस्त
प्रदर्शनकारियों ने फिर किया उग्र प्रदर्शन, हजारों लोग ‘न्याय मार्च’ में शामिल हुए। रविवार से असहयोग आंदोलन की घोषणा की। फेसबुक सात घंटे के लिए किया गया बंद।
3 अगस्त
ढाका में हजारों लोगों ने शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन किया। कुमिला में हिंसा के दौरान 30 प्रदर्शनकारी घायल हुए।

4 अगस्त
आरक्षण के मुद्दे पर फिर से उग्र हो गया। तीन दिन सार्वजनिक छुट्टी की घोषणा। 100 से अधिक लोग मार गए। इसमें 14 पुलिसकर्मी भी शामिल रहे। पूरे आंदोलन में 300 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई।
5 अगस्त
प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इस्तीफा देते हुए देश छोड़ा। प्रधानमंत्री आवास पर प्रदर्शनकारियों का कब्जा। सेना प्रमुख ने संयम बरतने की अपील करते हुए अंतरिम सरकार की घोषणा की।

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