Shiekh Hasina: कौन हैं शेख हसीना के शौहर, इंदिरा गांधी से है ‘संबंध’
Shiekh Hasina: शेख हसीना और भारत की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के काफी गहरे संबंध रहे हैं। अपने परिवार की हत्या के बाद विदेश से लौटने के बाद उन्होंने भारत में ही शरण ली थी।
Shiekh Hasina: भारत के पड़ोसी और पाकिस्तान से आजाद हुए बांग्लादेश में हालात इन दिनों बेहद खराब चल रहे हैं। बांग्लादेश में तख्तापलट हो गया है। शेख हसीना बांग्लादेश (Bangladesh) के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे चुकी हैं और भारत आ चुकी हैं। वहीं अब बांग्लादेश की सत्ता की कमान सेना के हाथ में है और उन्होंने अंतरिम सरकार के लिए नोबल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस ( Muhammad Yunus) को प्रधानमंत्री बनाया है। शेख हसीना अब बांग्लादेश वापस आएंगी या नहीं ये तो फिलहाल नहीं कहा जा सकता। इसी बीच शेख हसीना के परिवार को लेकर अब काफी खबरें आ रही हैं। कई लोग ये भी जानना चाहते हैं कि शेख हसीना क्या अकेली हैं कि उन्हें सब छोड़कर भारत आना पड़ा, क्या शेख हसीना के परिवार में वो अकेली हैं, उनके पति कहां हैं? ऐसे कई सवाल हैं जिसका जवाब लोग जानना चाह रहे हैं।
भारत से है गहरा लगाव
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना का भारत से बहुत गहरा संबंध रहा है। यही कारण है कि बांग्लादेश जब पाकिस्तान का पूर्वी हिस्सा था, तब शेख हसीना के पिता शेख मुजीबुर्रहमान (Sheikh Mujibur Rahman) ने भारत से ही पूर्वी पाकिस्तान में हो रहे अत्याचार से बचाने और उन्हें आज़ाद कराने के लिए भारत से मदद मांगी थी। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने तब भारतीय सेना की मदद से मुक्ति वाहिनी बनाकर पूर्वी पाकिस्तान को आज़ाद कराया था। ये एक अहम वजह है कि शेख हसीना और उनके पिता का भारत से लगाव है। आज़ादी के बाद शेख हसीना के पिता शेख मुजीबुर्रहमान बांग्लादेश के पहले राष्ट्रपति बने थे।
बहुत बड़े साइंटिस्ट थे हसीना के पति
15 अगस्त 1975 को हसीना के पिता रहमान उनकी पत्नी शेख फजीलातुन्नेस मुजीब और उनके तीन बेटों को बांग्लादेश की सेना के अधिकारियों ने मार डाला था। सिर्फ इन्हें ही नहीं सेना ने रहमान के नजदीरी रिश्तेदारों तक को नहीं छोड़ा, कुल मिलाकर 18 सदस्यों की हत्या कर दी थी। सिर्फ शेख हसीना और उनकी छोटी बहन, शेख रेहाना इस हमले में जिंदा बचे थे वो भी इसलिए क्योंकि उन दिनों हसीन अपने पति के साथ जर्मनी में थीं। सन् 1981 में बांग्लादेश लौटने से पहले उन्होंने अगले 6 साल भारत में बिताए थे।
इंदिरा गांधी ने लगवाई थी वाजिद मियां की नौकरी
शेख हसीना की शादी 17 नवंबर 1967 में एक न्यूक्लियर साइंटिस्ट एम ए वाजिद मियां के साथ हुई थी। निर्वासन के दौरान शेख हसीना ने भारत से रहने को शरण मांगी थी। उस वक्त प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने उन्हें शरण दी थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने शेख हसीना और उनके पति को रहने के लिए घर दिया था और हसीना के पति वाजिद मियां की नौकरी भी लगवाई थी। शेख हसीना के एक पुराने इंटरव्यू में खुद शेख हसीना ने इस बात का खुलासा किया था। उन्होंने कहा था कि जब उन्हें अपने परिवार के 18 सदस्यों की हत्या का पता चला था तो उन्होंने भारत में इंदिरा गांधी से मदद मांगी थी। जिसके बाद इंदिरा गांधी ने उन्हें दिल्ली के पंडारा रोड पर घर दिया था और उनके पति को नौकरी दी थी।
बीमारी से हो चुका है निधन
शेख हसीना के पति पहले जर्मनी में साइंटिस्ट थे। पहले वो बांग्लादेश में परमाणु ऊर्जा आयोग के पूर्व अध्यक्ष भी थे। उन्होंने फिजिक्स यानी भौतिकी में कई किताबेें और राजनीतिक इतिहास की किताबें लिखीं हैं। मिया का लंबी बीमारी के बाद 2009 में 67 साल की उम्र में निधन हो गया था।
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