घेराबंदी करने की घोषणा
उल्लेखनीय है कि विरोध तब शुरू हुआ जब हसन ने सुप्रीम कोर्ट के दोनों डिविजनों के सभी न्यायाधीशों के साथ एक पूर्ण अदालत की बैठक बुलाई। प्रदर्शनकारी छात्रों ने पूर्ण अदालत की बैठक बुलाने को न्यायपालिका के तख्तापलट के रूप में देखा और उच्च न्यायालय परिसर की घेराबंदी करने की घोषणा की।ध्यान रहे कि यह घटनाक्रम नोबल पुरस्कार विजेता
मुहम्मद यूनुस के अंतरिम सरकार की बागडोर संभालने के बाद हुआ है।
एक नजर : ओबैदुल हसन
ओबैदुल हसन एक न्यायविद् हैं, जिन्होंने बांग्लादेश के सर्वोच्च न्यायालय के 24वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्य किया। उन्हें 12 सितंबर 2023 को मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था। उन्होंने बांग्लादेश चुनाव आयोग के गठन के लिए जांच समिति, 2022 के अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया।
प्रारंभिक जीवन और पृष्ठभूमि
ओबैदुल हसन का जन्म 11 जनवरी 1959 को तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान, पाकिस्तान के नेट्रोकोना जिले के मोहनगंज उप जिला में हुआ था। ओबैद के पिता अखलाकुल हुसैन अहमद, पूर्वी पाकिस्तान प्रांतीय असेंबली के सदस्य थे, और उनकी माँ बेगम होस्ने आरा हुसैन थीं। उनके भाई, सज्जादुल हसन, अगस्त 2023 से नेट्रोकोना -4 निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले निवर्तमान जातीय संघ सदस्य और प्रधान मंत्री कार्यालय के पूर्व वरिष्ठ सचिव और बिमान बांग्लादेश एयरलाइंस के निदेशक मंडल के अध्यक्ष हैं। ओबैद ने ढाका विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में स्नातक और स्नातकोत्तर की डिग्री पूरी की। उन्होंने ढाका विश्वविद्यालय से कानून की पूरी की।
ओबैदुल हसन आजीविका
ओबैदुल हसन ने सन 1986 में, जिला न्यायालय और 1988 में उच्च न्यायालय में एक वकील के रूप में काम करना शुरू किया। उन्होंने सन 2005 में बांग्लादेश सुप्रीम कोर्ट के अपीलीय प्रभाग में एक वकील के रूप में काम करना शुरू किया। वहीं सन 2009 में, उन्हें बांग्लादेश उच्च न्यायालय का अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त किया गया और 2011 में पूर्ण न्यायाधीश बन गए।
अध्यक्ष बनाया गया
ओबैदुल हसन को 25 मार्च 2012 को अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण-2 में नियुक्त किया गया था और 13 दिसंबर 2012 को उन्हें अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण-2 का अध्यक्ष बनाया गया था। वहींं सन 2017 में, ओबैद ने तत्कालीन अपीलीय प्रभाग के न्यायाधीश सैयद मेहमूद हुसैन की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय खोज समिति के सदस्य के रूप में कार्य किया। बाद में, 2022 में, तत्कालीन राष्ट्रपति मोहम्मद अब्दुल हामिद ने उनकी अध्यक्षता में एक खोज समिति का गठन किया। जबकि 2 सितंबर 2020 को, ओबैद को बांग्लादेश सुप्रीम कोर्ट के अपीलीय प्रभाग में नियुक्त किया गया था।
बैठक बुलाने का विरोध
इसी तरह 29 जुलाई 2021 को, बांग्लादेश में COVID-19 महामारी के दौरान वर्चुअल हेडिंग के माध्यम से अदालत में मामलों के बैकलॉग कम करने के लिए ओबैद को मुख्य न्यायाधीश सैयद महमूद हुसैन ने बांग्लादेश सुप्रीम कोर्ट के चैंबर जज के रूप में नामित किया गया था। उन्होंने 10 अगस्त 2024 को इस्तीफा दे दिया, जब छात्रों ने उच्च न्यायालय को घेरते हुए अंतरिम सरकार से परामर्श किए बिना पूर्ण अदालत की बैठक बुलाने का विरोध किया।