दरअसल, यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयन ने यह सवाल किया था कि क्या यूरोपीय संघ फ्रांस के साथ एकजुटता को लेकर ऑस्ट्रेलिया के साथ व्यापार समझौता करने में सक्षम होगा, मगर आयोग के प्रवक्ता ने जोर देकर कहा कि वह किसी को सजा नहीं दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि व्यापार समझौते को एक महीना आगे बढ़ाने का फैसला कुछ दिनों पहले ही लिया गया है और इससे हमें बेहतर तैयारी करने का समय मिलेगा।
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दूसरी ओर, ऑस्ट्रेलिया के व्यापार मंत्री डैन तेहन ने इस पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है। हालांकि, उन्होंने इस तथ्य की पुष्टि जरूर की कि जो बातचीत आगामी 12 अक्टूबर को शुरू होनी थी, उसे फिलहाल अगले महीने तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।
इससे पहले, अगस्त महीने में ऑस्ट्रेलिया ने फ्रांस की सरकारी स्वामित्व वाली कंपनी डीसीएनएस से 12 पनडुब्बी बनाने का 37 बिलियन डॉलर का अनुबंध तोड़ दिया था। इससे फ्रांस काफी नाराज हुआ था। उसने आस्ट्रेलिया और अमरीका से अपने राजनयिक वापस बुला लिए थे। मगर अमरीकी राष्ट्रपति जो बिडेन से बातचीत के बाद फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों ने अमरीका में राजनयिक वापस भेजने की बात कही थी।
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फ्रांस का आस्ट्रेलिया के साथ पारंपरिक पनडुब्बी बनाने का यह समझौता वर्ष 2016 में हुआ था और तब से ऑस्ट्रेलिया इस पर 1.8 अरब डॉलर ख़र्च कर चुका था। वहीं, अब उसने अमेरिका और ब्रिटेन के साथ वो समझौता किया है जिसके तहत परमाणु ताकत वाली कम से कम आठ पन्डुब्बियों का निर्माण किया जाएगा। ऑस्ट्रेलिया के इस फैसले से फ्रांस नाराज है और उसने ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका पर पीठ में छुरा भोंकने का आरोप लगाया है।
ऑकस समझौते की घोषणा के तुरंत बाद फ्रांस ने ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका से अपने राजदूतों को वापस बुला लिया। हालांकि, अमेरिका के राजदूत को उसने वापस वाशिंगटन भेज दिया है लेकिन ऑस्ट्रेलिया के राजदूत को लेकर फिलहाल स्थिति स्पष्ट नहीं है।