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ASTEROID ALERT: तबाही से बाल-बाल बची धरती, सवा दो बजे बगल से गुजरा एस्टेरॉयड

ASTEROID ALERT: आकाश में हुई एक दिल दहलाने वाली खगोलीय घटना पूरी दुनिया के लिए मौत का कारण बन सकती थी, लेकिन शुक्र है कि हम सब बाल-बाल बच गए।

नई दिल्लीSep 17, 2024 / 04:36 pm

M I Zahir

ASTEROID ALERT

ASTEROID ALERT: यह धरती 16 सितंबर 2024 को एक बड़े खतरे से बच गई। दोपहर करीब सवा दो बजे, एस्टेरॉयड 2014 RN16 (Asteroid 2014 RN16) धरती के बेहद करीब से गुजरा। यह एस्टेरॉयड धरती से सिर्फ 16 लाख किलोमीटर दूर से निकला, जो चंद्रमा की दूरी से लगभग चार गुना अधिक है। एस्टेरॉयड 2014 RN16 की चौड़ाई करीब 110 फीट है और इसकी गति 104,761 किमी/घंटा थी। यह एस्टेरॉयड अपोलो समूह का हिस्सा है, जो धरती के लिए संभावित खतरा पैदा कर सकते हैं। अपोलो समूह के एस्टेरॉयड पृथ्वी और सूर्य के बीच (Earth near miss) से गुजरते हैं और इस कारण कभी-कभी धरती के बहुत करीब से भी गुजर सकते हैं।

वैज्ञानिकों ने इस घटना पर नजर रखी

एक खास विज्ञान समाचार यह है कि अपोलो समूह के एस्टेरॉयड (Apollo asteroids) को पहली बार 1862 में खोजा गया था, और इन्हें अपोलो एस्टेरॉयड कहा गया है क्योंकि ये धरती के रास्ते को क्रॉस करते हैं। इनके द्वारा उत्पन्न होने वाली किसी भी संभावित टकराव की स्थिति में, भारी तबाही हो सकती है (ASTEROID ALERT)। अगर 110 फीट चौड़ा यह एस्टेरॉयड धरती से टकराता, तो परिणाम अत्यंत विनाशकारी हो सकते थे। पृथ्वी की इस बेहद निकटता को देखते हुए, अंतरिक्ष एजेंसियां और वैज्ञानिकों ने इस घटना पर नजर रखी और स्थिति का आकलन किया।

पृथ्वी के बहुत नजदीक से निकलता

खगोलशास्त्रियों व अंतरिक्ष वैज्ञानिकों ने बताया कि यह धरती एक बड़े खतरे से बच गई आज यानी 16 सितंबर की दोपहर करीब सवा दो बजे Asteroid 2014 RN16 धरती से मात्र 16 लाख किलोमीटर दूर से निकला। यह चंद्रमा की दूरी से सिर्फ चार गुना ज्यादा है। वह 110 फीट चौड़े पत्थर की स्पीड 104,761 km/hr थी। यह उस अपोलो समूह का एस्टेरॉयड है, जिससे धरती को खतरा रहता है। यह एस्टेरॉयड धरती और सूरज के बीच से निकलता है। इसलिए कई बार यह पृथ्वी के बहुत नजदीक से निकलता है।

जानिए क्या है एस्टेरॉयड

दरअसल एस्टेरॉयड क्षुद्रग्रह चट्टानी, धात्विक या बर्फीले पिंड हैं जो सूर्य की परिक्रमा करते हैं और हमारे सौर मंडल के निर्माण के अवशेष हैं। इनका आकार क्षुद्रग्रहों का आकार छोटे मलबे के ढेर से लेकर सेरेस तक होता है, एक बौना ग्रह जिसका व्यास लगभग 1,000 किलोमीटर है। सबसे बड़ा क्षुद्रग्रह, वेस्टा, लगभग 329 मील चौड़ा है।
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