कहानियों ने परिचय करवाया
वे कहते हैं कि मूलतः कहानीकार ही थे। बहुत छोटी उम्र में कुछ बड़ी बातें अपने छोटे प्रश्नों के कागज पकड़े सपनों में चली आती थी। शब्द इस तरह सपनों में पिघलकर अंगुलियों में कलम बन कर बैठ गए। तब से कोई उनसे लिखवाता है और उनकी अंगुलियां लिखती है।कलम से परिचय कराया
आपने अब तक कई प्रवासी भारतीय साहित्यकारों के बारे में जाना है। मोहता उनसे अलग हैं। अध्यात्म और दर्शन के नजदीक रहने वाले इस साहित्यकार का कहना है कि कहानियों ने ही कविताओं को आवाज देकर उनकी कलम से परिचय कराया। बाद में ईश्वर और अंतरिक्ष भी कलम में उतरने का आशीर्वाद देने लगे। आइए उनसे उनकी इस पुस्तक पर सीधे अमरीका से चर्चा करते हैं :आध्यात्मिक सफर पर
रविदत्त मोहता ने बताया कि उन्होंने सन 1982 से कहानियां लिखना शुरू किया था। इस संग्रह में अब तक के कहानी लेखन की कुल 27 कहानियों को संकलन किया गया है। कुछ कहानियां तब की हैं ,जब वो कॉलेज में पढ़ते थे। इस प्रकार इस संग्रह में उनकी कहानियां एक लेखक की कलम से शुरू होकर साहित्यिक यात्रा तो शुरू करती है पर इस यात्रा में साथ- साथ एक आध्यात्मिक सफर पर भी निकल पड़ती हैं।भविष्य के मानव की पुकार
बहरहाल उनका यह कहानी संग्रह सामाजिक विषमता,चेतना के नव-स्वर और भविष्य के मानव को पुकारता हुआ यह कहानी संग्रह अपनी समय यात्रा(time travel)पर निकला हुआ है। राजस्थानी ग्रंथागार,सोजती गेट,जोधपुर से प्रकाशित यह संग्रह अपने अंतरराष्ट्रीय स्वर में कुछ कहानियां कहना चाहता है। इस संग्रह की प्रमुख कहानियां गुमशुदा,होटल,आकाश में लटकता कमंडल,आदिमानव,कलिपुरुष आदि हैं।अब बात करते हैं इस किताब की कहानियों के बारे में :
1.होटल-यह कहानी यह बताती है कि किस तरह मनुष्य होटल में हुई मुलाकात से हुई शादी के द्वारा अपना घर बसाना चाहता है..2.एक था एक दिन-इस कहानी में दिल्ली शहर में भटकते हुए एक पुरुष को अपनी भटकन के बीच रोज हर “नया दिवस”अपने नए-नए रूप में मिलता रहता है..
3.थप्पड़-यह कहानी यह बताती है कि बचपन में बच्चों में पड़ी बुरी आदत किस प्रकार बड़े होने पर एक अपराध बन जाती है..!!
4.गुमशुदा-यह कहानी बताती है कि किस तरह आज के आपा-धापी के युग में घर के बड़े-बूढ़े अपने ही घर के आंगन में.. अपने ही बच्चों की आंखों के सामने दिन-रात रहते हुए गुमशुदा हो हो रहे है।अपने ही घर में हुए गुमशुदा एक पिता की यह दर्द भरी यह एक कहानी है।
5.आकाश में लटकता कमंडल-
यह कहानी एक ऐसे युवा की है -जो इसलिए संन्यास नहीं ले पाता,क्योंकि ईश्वर उसे समझाते हैं कि संन्यास का मतलब होता है..संसार में रहकर ईश्वर के प्रेम को संसार में स्थापित करना।इस वजह से यह कहानी कहती है कि एक संन्यासी का कमंडल आज भी आकाश में लटका हुआ है..!
6.आदिमानव-यह कहानी एक ऐसे मनुष्य की कहानी है ,जो ईश्वर की खोज में वन की ओर निकल जाता है,पर वहां उसे एक देवी स्त्री मिलती है,जिससे वो ईश्वर को प्राप्त करने का रास्ता पूछता है।तब वो देवी उसे कहती है कि प्रेम का मार्ग ही ईश्वर को प्राप्त करने का मार्ग है।वन में रहने से प्रेम की सूचना प्राप्त होती है।ऐसा कहकर वो वन देवी उस संन्यासी को वन से निकाल कर संसार में ले आती है और वे दोनों शादी-शुदा जीवन इसलिए जीने लगते हैं क्योंकि वे ईश्वर को जंगलों से निकाल कर संसार में लाना चाहते है..
7.कलिपुरुष-इस कहानी में एक दिन एक बुद्धपुरुष से कलिपुरुष टकरा जाता है।इन दोनों में सत्य को लेकर एक गम्भीर मन्त्रणा होती है। यह कहानी उन्हीं के बीच हो रहे संवाद के बीच टहलती रहती है..!