पाकिस्तान के नए सेनाध्यक्ष असीम मुनीर की पहली अमरीकी यात्रा के दौरान अमरीका ने मुनीर को दो टूक शब्दों में बता दिया है कि उसे चीन से दूरी बनाते हुए भारत से संबंध सुधारने होंगे। वाशिंगटन स्थित मैग्जीन ‘फॉरेन पॉलिसी’ के अनुसार, पाकिस्तान के सामने अमरीकी आर्थिक और अन्य मदद के लिए वाइट हाउस ने स्पष्ट शर्तें रख दी हैं।
पाक सेनाध्यक्ष से कहा गया है कि उनको पाकिस्तान में चीन की पैठ को केवल आर्थिक गलियारे तक ही सीमित रखना होगी और पाक सुरक्षा प्रणाली में बीजिंग की पहुंच को पूरी तरह से रोकना होगा। गौरतलब है कि चीन ने पाकिस्तान में काम करने वाले अपने नागरिकों के लिए बलूचिस्तान के ग्वादर में सैन्य चौकियां बनाने और अपने लड़ाकू विमानों के लिए ग्वादर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का उपयोग करने देने की मांग की है।
भारत से करें कारोबार
इतना ही नहीं, दौरे के दौरान, मुनीर को यह भी सलाह दी कि पाकिस्तान को ‘जितनी जल्दी हो सके भारत के साथ बात करनी चाहिए’ और व्यापार संबंध बनाए रखने के लिए ‘एलओसी पर शांति बनाए रखना होगा’। गौरतलब है कि पाकिस्तान में अमरीकी राजदूत डोनाल्ड ब्लोम ने पिछले दिनों ‘गोपनीय रूप से’ बलूचिस्तान में चीन की मदद से बने ग्वादर बंदरगाह का दौरा किया था। माना जा रहा है कि, इसी के बाद मुनीर के अमरीका यात्री की जमीन तैयार हुई थी।
अमेरिकी राजदूत ने किया था बलूचिस्तान का दौरा
रिपोर्ट के अनुसार, सितंबर में किसी समय अमेरिकी राजदूत डोनाल्ड ब्लोम ने “गुप्त रूप से” बलूचिस्तान में चीन द्वारा वित्त पोषित ग्वादर बंदरगाह का दौरा किया था। ऐसे में अमेरिका चीन की हरकतों से भलीभांति वाकिफ है। मालूम हो कि ग्वारदार बंदरगाह चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के पसंदीदा प्रोजेक्ट बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) के तहत चीन पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (सीपीईसी) का अहम हिस्सा है। जिसका नेतृत्व 2015 से बीजिंग कर रहा है. दोनों देशों के बीच असहमति के कारण यह परियोजना गतिरोध पर पहुंच गई है।