नए विमानों को एक मोबाइल कमांड पोस्ट के रूप में डिजाइन किया गया है, जो परमाणु हमलों और इलेक्ट्रिक मैग्नेट के प्रभावों को झेलने में सक्षम होंगे। यानी इन पर किसी परमाणु हमले का असर नहीं होता और ये विमान में बैठे लोगों को रेडिएशन से भी बचाता है। विमान में खिड़कियां नाममात्र की होती हैं। प्लेन में कई सैटेलाइट डिश और एंटिना लगे होते हैं, जिसके जरिए आपातकालीन स्थिति में जहाजों, युद्धपोतों और पनडुब्बियों से संपर्क किया जा सकता है। ये विमान हवा में ही ईंधन भर सकते हैं। इसमें कॉन्फ्रेंस के साथ ही ब्रीफिंग रूम की सुविधा भी होगी।
अमरीकी एयरफोर्स के मुताबिक सर्वाइवेबल एयरबोर्न ऑपरेशन सेंटर (एसएओसी) प्रोजेक्ट के तहत 1970 के दशक के पुराने विमानों को बदलना है। एयरफोर्स सूत्रों के मुताबिक ये विमान 2030 की शुरुआत तक अपनी सेवाएं पूरी कर लेंगे। इसकी जगह ही नए ई-4बी विमानों के लिए ऑर्डर दिया गया है। इन डूम्सडे विमानों के 2036 तक बनने की उम्मीद है।
अमरीकी वायुसेना के पास अभी चार ई-4बी विमान हैं, जिनमें एक हर वक्त अलर्ट पर रहता है। पिछले वर्ष एयरफोर्स ने ई-4बी की जगह बनने वाले विमानों की रेस से बोइंग प्लेन को हटा दिया था। क्योंकि इनका रख-रखाव में काफी मुश्किलें आने लगी थीं।