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कभी वित्त मंत्री के तौर पर 6 अरब डॉलर का बजट पेश करने वाला शख्स अब ‘ड्राइवर’ बनने को मजबूर

समय का पहिया जब घूमता है तो राजा को रंक और रंक को राजा बना देता है। कुछ ऐसा ही एक मामले देखने को मिला है, जहां एक देश का वित्त मंत्री अब बतौर ड्राइवर का काम करने को मजबूर है। इस शख्स ने कभी देश के लिए 6 अरब डॉलर का बजट पास किया था, तो अब खुद रोज की रोटी के लिए सवारियों के एक जगह से दूसरी जगह पहुंचा रहा है।

Mar 21, 2022 / 12:28 pm

धीरज शर्मा

Afghanistan Former Finance Minister Khalid Payenda Now working As Uber Driver In US

दुनिया में सबसे ताकतवर चीज वक्त यानी समय को माना गया है। क्योंकि जब वक्त बदलता है तो वो रंक को राजा और राजा का रंक बना देता है। कुछ ऐसा ही एक शख्स के साथ हुआ है। एक वक्त था जब इस शख्स ने एक देश के वित्त मंत्री के तौर पर देश का 6 अरब डॉलर का बजट घोषित किया, लेकिन जब समय बदला तो ये शख्स वित्त मंत्री से सीधा कैब ड्राइवर बन गया। अब सवारियों को उनकी मंजिल तक पहुंचा कर अपनी गुजर बसर कर रहा है। इस शख्स का नाम है खालिद पयेंडा। खालिद अफगानिस्तान के पूर्व वित्त मंत्री रह चुके हैं। लेकिन देश पर तालिबान के कब्जे के बाद ये अमरीका चले आए और यहां रोजी रोटी के लिए उबर कैब के ड्राइवर बन गए हैं।

खालिद पयेंडा कभी अफगानिस्तान के वित्त मंत्री के रूप में देश की संसद में 6 अरब डॉलर का बजट पेश किया था। अब वे अमरीका (America) की राजधानी वाशिंगटन डीसी में अपने परिवार की जीविका चलाने के लिए एक उबर (Uber) ड्राइवर का काम कर रहे हैं।

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चार बच्चों के पिता हैं खालिद

वाशिंगटन पोस्ट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, चार बच्चों के पिता हैं खालिद पयेंडा। खालिद बताते है कि ‘इस काम ने उनके जीवन में बहुत बड़ा बदलाव किया है। मैं इसके लिए बहुत ज्यादा आभारी महसूस करता हूं। इसका मतलब है कि मुझे हताश होने की जरूरत नहीं है।’


पढ़ाते भी हैं खालिद

खालिद आजीविका चलाने के लिए सिर्फ कैब नहीं चलाते बल्कि पढ़ाते भी हैं। पयेंडा जॉर्ज टाउन विश्वविद्यालय में पढ़ाते भी हैं और कभी-कभी थिंक-टैंक की बैठकों में भाषण देते हैं।

अफगानिस्तान पर खालिद की राय

खालिद पयेंडा का मानना है कि अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के लिए अमरीकी सरकार जिम्मेदार है। दरअसल दो दशकों के संघर्ष के बाद अगस्त 2021 में अमरीका ने अफगानिस्तान से अपनी सेना को हटा लिया था।

तालिबान के अफगानिस्तान पर कब्जा करने के महीनों पहले पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने फरवरी 2020 में आतंकवादी समूह के साथ एक सशर्त शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। इसमें अगले 14 महीनों में अमरीकी सैनिकों को अफगानिस्तान से बाहर निकालने का वादा किया गया था।

खास बात यह है कि समझौते में तत्कालीन अफगान सरकार को शामिल नहीं किया गया था। ज्यादातर वरिष्ठ अमरीकी अधिकारी अफगानिस्तान युद्ध को खत्म करना चाहते थे।

खालिद ने गिरफ्तारी के डर से छोड़ा अफगानिस्तान

कुछ मुद्दों पर मतभेदों के कारण अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी के साथ पयेंडा के संबंध बिगड़ते चले गए और तालिबान के काबुल पर कब्जा करने से एक हफ्ते पहले उन्होंने वित्त मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया। इस डर से कि राष्ट्रपति गनी उनको कैद कर सकते हैं, वह अपने परिवार के साथ रहने के लिए फिर से अमरीका भाग गए।

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