विदेश

Bangladesh Violence: बांग्लादेश में गंभीर हुए हालात, अब तक 405 भारतीय लौटे भारत, अभी 15000 और फंसे 

Bangladesh Violence: बांग्लादेश में फैली हिंसा में फंसे भारतीयों में से 405 भारतीय अपने वतन भारत लौट चुके हैं। करीब 15 हजार भारतीय रह रहे हैं। इनमें 8500 छात्र हैं।

नई दिल्लीJul 20, 2024 / 02:33 pm

Jyoti Sharma

Bangladesh violence

Bangladesh Violence: बांग्लादेश में नौकरी में आरक्षण में कोटा व्यवस्था के खिलाफ हो रहा प्रदर्शन अब उग्र हो चला है। इस हिंसा में अभी तक 105 लोगों की मौत हो चुकी है। पूरे बांग्लादेश में कर्फ्यू लगाया गया है और इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है। वहीं बांग्लादेश के हालातों में फंसे भारतीयों में से 405 भारतीय अपने वतन भारत लौट चुके हैं। यहां लौटे भारतीयों ने न्यूज एजेंसी ANI को बताया कि बांग्लादेश की हालत बेहद खराब है। देश बड़ी मुसीबत में है। क्योंकि वहां पर नेटवर्क बंद है, लोगों तक समाचार तक नहीं पहुंच सकते और ना ही ये जान सकते हैं कि उनके आस-पास हो क्या रहा है? 
बांग्लादेश से भारत लौट रहे भारतीय नागरिक और छात्र पश्चिम बंगाल में गेडे सीमा पार से भारत में प्रवेश कर रहे हैं। रिपोर्ट के मुताहिक बांग्लादेश की राजधानी ढाका में भारतीय उच्चायोग बांग्लादेश में फंसे भारतीयों को सुरक्षा देने के लिए वहां पर अधिकारियों से बातचीत कर रहे हैं और एडवाइजरी जारी कर रहे हैं। 

बांग्लादेश में कितने भारतीय?

बता दें कि बांग्लादेश में छात्रों को मिलाकर करीब 15 हजार भारतीय रह रहे हैं जिनमें से इन 405 को सुरक्षित तरीके से निकाल लिया गया है। इन 15 हजार भारतीयों में 8500 छात्र हैं। जो पढ़ाई करने के लिए बांग्लादेश गए हैं। 

क्यों हो रही ये हिंसा?

दरअसल ये छात्र 1971 में बांग्लादेश की आज़ादी के लिए लड़े गए संग्राम में लड़ने वाले नायकों के परिवार के सदस्यों के लिए सरकारी नौकरी का कोटा खत्म करने की मांग कर रहे हैं। इस कोटा में महिलाओं, दिव्यांगों और जातीय अल्पसंख्यक समूहों के लिए सरकारी नौकरियां भी आरक्षित है। साथ ही बांग्लादेश के 1971 के स्वतंत्रता संग्राम के नायकों के परिवार के सदस्यों को भी नौकरी दी जाती है। साल 2018 में इस सिस्टम को निलंबित कर दिया गया था जिससे उस समय इसी तरह के विरोध प्रदर्शन रुक गए थे। लेकिन पिछले महीने बांग्लादेश के उच्च न्यायालय ने एक फैसला दिया था जिसके मुताबिक 1971 के दिग्गजों के आश्रितों के लिए 30% कोटा बहाल करना था। 
प्रदर्शनकारी छात्र इस कोटा के तहत महिलाओं, दिव्यांगों और जातीय अल्पसंख्यकों के लिए 6% कोटा का तो समर्थन कर रहे हैं लेकिन वो ये नहीं चाहते कि इसका लाभ 1971 के बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के दिग्गजों के परिवार के सदस्यों को मिले। इसलिए इस फैसले का विरोध शुरू हो गया जो अब भीषण हिंसा में बदल चुका है। 
ये भी पढ़ें- बांग्लादेश में कर्फ्यू, अब तक 105 की मौत, भारतीयों की सुरक्षा पर भारत का बड़ा बयान

ये भी पढ़ें- बांग्लादेश में प्रदर्शनकारियों ने सरकारी टीवी चैनल में लगाई आग, एक ही दिन में 25 मरे
ये भी पढ़ें- आखिर आरक्षण में कोटे का क्यों समर्थन कर रही हैं शेख हसीना, प्रदर्शनकारियों की क्या है मांग

संबंधित विषय:

Hindi News / world / Bangladesh Violence: बांग्लादेश में गंभीर हुए हालात, अब तक 405 भारतीय लौटे भारत, अभी 15000 और फंसे 

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.