बताया सीरिया से कैसे पहुंचे भारत
दिल्ली एयरपोर्ट पर मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि दूतावास की तरफ से उन्हें लेबनान (Lebanon) और फिर दोहा ले जाया गया और आज हम दिल्ली पहुंच गए हैं। उन्हें खुशी है कि वे अपने देश पहुंच गए हैं। नागरिक ने ये भी बताया कि सीरिया से निकाले जा रहे भारतीयों को बसों के जरिए लेबनान लाया जा रहा है क्योंकि सीरिया में उड़ानें संचालित नहीं हो रही हैं। वहीं एक और सुरक्षित दिल्ली पहुंचे नागरिक ने कहा कि सीरिया की हालत बहुत खराब है। हर दिन उन्हें रॉकेट और गोलियों की आवाजें सुनाई देती हैं। वे पिछले 4 महीनों से सीरिया में काम कर रहे थे। उन्होंने कहा कि एक दिन प्लांट में काम करते समय उन्होंने 2-3 रॉकेट देखे। इस बात की सूचना जब उन्होंने भारतीय दूतावास को दी तो उन्होंने राजधानी दमिश्क आने के लिए कहा। फिर दमिश्क में ये लोग 1-2 दिन रुके। इसके बाद बेरूत सुरक्षित क्षेत्र में ले जाया गया। वहां दो दिनों के लिए टिकट में कुछ समस्या थी। फिर 2 दिन बाद टिकट बेरूत से दोहा के लिए बुक की गई। इसके बाद दोहा से कतर और दोहा से नई दिल्ली के लिए बुक की गई। दूतावास ने भारतीयों की बहुत मदद की। खाना-पीना, अच्छे आवास सहित सभी सुविधाएं दी। भारतीय नागरिक ने कहा कि वे पीएम मोदी और भारतीय दूतावास को धन्यवाद देना चाहते हैं।
विदेश मंत्रालय ने क्या कहा
दरअसल बीते शुक्रवार को विदेश मंत्रालय ने कहा था कि अब तक सीरिया से 77 भारतीय नागरिकों को निकाला जा चुका है। मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि मिडिल ईस्ट में भारतीय दूतावास वहां भारतीयों के संपर्क में हैं। अभी किसी दूसरे देश से भारतीयों की निकासी की जरूरत नहीं है। सीरिया से उन लोगों को लाया गया जो वापस देश लौटना चाहते थे। इसके अलावा कई दूसरे भारतीय वहां बस गए हैं उन्होंने वहां शादी कर ली है या कोई व्यवसाय कर रहे हैं और अभी भी वहीं रह रहे हैं। रणधीर जयसवाल ने कहा कि अगर ये लोग वापस लौटना चाहते हैं तो भारत उनकी वापसी में मदद करेगा। विदेश मंत्रालय ने कहा कि वे लेबनान और इज़राइल जैसे मध्य पूर्वी देशों के लोगों के लिए एडवाइजरी जारी कर चुके हैं और उनके संपर्क में हैं। लेबनान में भारत के 3,000 लोग हैं, UNDOF और यूनिफिल में लगभग 1,000 लोग हैं। भारत ने अपने दूतावासों के संपर्क में रहने के लिए कई सलाह जारी की हैं। अगर कल भारतीयों को निकालने की कोई जरूरत महसूस होती है तो ऐसा किया जाएगा। इज़राइल में भारत के 32,000 नागरिक हैं जो वहाँ काम कर रहे हैं। हालांकि अभी तक किसी दूसरे देश से निकासी की कोई योजना नहीं है।