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रूस के लिए लड़ते हुए 12 भारतीयों की मौत तो 16 लापता, इधर पुतिन पर भड़के भारत ने दिया ये ‘ऑर्डर’

Indians in Russian Army: भारतीयों की मौत को लेकर रूस पर अब भारत भड़क गया है। भारत ने रूस से सभी भारतीयों को सेना से मुक्त करने को कह दिया है।

नई दिल्लीJan 18, 2025 / 09:05 am

Jyoti Sharma

पीएम नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन

Indians in Russian Army: रूस की सेना में भारतीयों की जबरन भर्ती और उनकी मौत की खबरों को लेकर भारत ने कड़ा रुख अपना लिया है। भड़के भारत ने रूस (Russia) से कह दिया है कि वो तुरंत सभी भारतीयों को सेना से आजाद करे। भारत के विदेश मंत्रालय ने बीते शुक्रवार को बताया कि यूक्रेन के खिलाफ रूस (Russia Ukraine war) के लिए लड़ते हुए कम से कम 12 भारतीयों की मौत हो गई, जबकि 16 लापता हैं।

रूस की सेना में 126 भारतीय थे शामिल 

पिछले दिनों केरल (Kerala) के रहने वाले बिनिल बाबू की यूक्रेन के मोर्चे पर मौत हो गई थी। एक अन्य भारतीय घायल हो गया था। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बताया कि रूस की सेना में 126 भारतीय थे। इनमें से 96 लोग भारत लौट चुके हैं। उन्हें रूस की सेना से मुक्त किया जा चुका है। रूसी सेना में अभी 18 और भारतीय हैं, जबकि 16 के बारे में जानकारी नहीं मिल रही है। जायसवाल ने कहा कि रूस से इनका पता लगाने को कहा गया है।

भारतीय दूतावास मॉस्को में प्रशासन के संपर्क में

विदेश मंत्रालय (MEA) ने कहा कि रूस में भारत का दूतावास वहां के प्रशासन से संपर्क में है, ताकि बिनिल बाबू के पार्थिव शरीर को भारत लाया जा सके। घायल जैन टीके का मॉस्को में इलाज चल रहा है। इलाज पूरा होने के बाद वह भारत लौट सकता है। मॉस्को में भारतीय दूतावास लगातार पीडि़तों के परिवार के संपर्क में है।

बिनिल की वापसी के लिए पत्नी ने लगाई थी गुहार

केरल का बिनिल कई महीने से भारत लौटना चाहता था। उसे जबरन रूस की सेना में रखा गया। उसकी पत्नी ने त्रिशूर जिले के प्रशासन से गुहार लगाई थी कि उसे वापस लाने में मदद की जाए। बिनिल आइटीआइ मैकेनिकल डिप्लोमा होल्डर था। वह इलेक्ट्रीशियन और प्लंबर का काम करने रूस गया था। उसकी तरह कई अन्य भारतीयों को युद्ध लडऩे के लिए भेज दिया गया।

बांग्लादेश और कनाडा की घटनाओं पर नजर

विदेश मंत्रालय ने के प्रवक्ता ने कहा कि बांग्लादेश और कनाडा के घटनाक्रम पर भी भारत की पैनी नजर है। बांग्लादेश बॉर्डर पर तनाव के बारे में हमने उनके डिप्टी हाई कमिश्नर को तलब किया था। उनसे सीमा पर बाड़ लगाने पर अपना पक्ष स्पष्ट कर दिया है। जायसवाल ने कहा, कनाडा में कुछ राजनीतिक गतिविधियां चल रही हैं। जस्टिन ट्रूडो के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफे के फैसले के बाद भारत-कनाडा के रिश्ते सुधरने की उम्मीद जताई जा रही है।
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