एक वर्ष बाद यूनिवर्सिटी ने कॉलेज की मान्यता रद्द कर दी। इसके बाद विद्यार्थियों ने अपने खर्चे पर अजमेर जाकर यूनिवर्सिटी में परीक्षा दी। लेकिन परीक्षा परिणाम आने के 6 माह बाद भी विद्यार्थियों को अंक तालिका व डिग्री नहीं दी गई। आरोप लगाया कि पूरी फीस देने के बावजूद भी विद्यार्थियों को कॉलेज प्रशासन के समक्ष अंक तालिका व डिग्री लेने के लिए चक्कर काटने पड़ रहे हैं। इससे विद्यार्थियों को आगामी कक्षाओं में प्रवेश से वंचित होना पड़ रहा है।
कॉलेज प्रबंधक के खिलाफ कार्रवाई कर अंक तालिका व डिग्री जारी करवाने की मांग की गई। ज्ञापन सौंपने वालों में माकपा नेता कुलविन्द्रसिंह ढिल्लो, सुखवीर मूंड, प्रमोद गोदारा, रोहिताश, उग्रसेन सहू, विनोद साईं आदि शामिल थे।