“बी पॉजिटिव” यह शब्द सुनते ही शायद आपके दिमाग में नो एंट्री के अनिल कपूर की इमेज आ जाती होगी। इतने लाइट इमोशंस के साथ किसी समझदारी की बात को समझाना हमेशा याद रहता है, शायद इसलिए ही बचपन में खेल खेल में सुनी या सीखी हुई बातें अच्छी तरह से याद होती हैं।
अब अगर आपसे पूछा जाए कि सक्सेस क्या है? इस पर ज्यादातर लोगों का जवाब होगा, जो सोचा, उसे पाना ही सक्सेस है। आप कुछ सोचें, सपने देखें उसके लिए महेनत करें और वह आपको मिल जाए, लेकिन अगर नहीं मिले तो हाथ लगती है निराशा। इसी निराशा से बाहर निकलने का तरीका है सेल्फ मोटिवेशन या सकारात्मकता।
– आपके आस-पास बहुत सारे ऎसे लोग मिलेंगे जो आपके काम और आपके आलोचक होंगे। ऎसे में आपकी सकारात्मक सोच और बातों को समझने की कला आपको दूसरों से अलग बनाएगी।
– सपने देखना अच्छी बात है, लेकिन सपने सही और तार्किक होने चाहिए। ऎसे सपने, जिनका वास्तविकता से कोई सम्बन्ध ना हो, आपको परेशान ही करेंगे। ऎसे सपनों के लिए बार बार महेनत करने से भी कोई फायदा नहीं।
– परफेक्शन, बड़ा ही कमाल का शब्द है और इसे अपने आप में लाने के लिए महेनत भी कमाल की ही करनी पड़ती है। अपनेे आइडियाज पर बार बार सोचना और फिर करना, आपके काम को परफेक्ट बनाएगा। बिना सोचे समझे किया हुआ काम, कभी सही नहीं हो सकता।
– काल करे सा आज कर, आज करे सो अब, यही आपके काम को और आपको एक अलग पहचान दिलाएगा। किसी भी परिस्थिति में काम को कल पर टालना, अपने सपनों को सच करने के लिए हितकारी नहीं होगा।
– अपनी गलतियों से सीखना और उन्हें नहीं दोहराना सबसे बड़ी सफलता है। अगर आप किसी काम में सफल हुए हैं, तो सेलिब्रेट कीजिए और अगर आप किसी काम को सही तरीके से नहीं कर पाए और हार गएं हैं, तब भी निराश होने की बजाए जश्न मनाएं, यह सोच कर, कि इस हार ने आपको कुछ सिखाया।
कोई फर्क नहीं पड़ता की आज आप कहां हैं, बस यह जानिए कि आप अच्छे हैं, आपके पास बहुत सारे आइडियाज है और आप सच्चे हैं। बड़े सपने देखने से घबराएं नहीं। अपनी जिंदगी को आप अपने तरीके से जीने के लिए आजाद हैं।
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