नई दिल्ली। Women Health: महिलाएं अक्सर घर-बाहर के काम में इतना उलझ कर रह जाती हैं कि अपने स्वास्थ्य पर ध्यान नहीं दे पाती हैं। जिसके कारण उन्हें पता भी नहीं चलता और धीरे-धीरे उनका शरीर समस्याओं का घर बन जाता है। लेकिन हर महिला को चाहिए कि वह सही खानपान के साथ-साथ अपने स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए योग-व्यायाम आदि को भी अपनी दिनचर्या में शामिल करें। आज हम कुछ ऐसे ही योगासनों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्हें हर महिला प्रतिदिन अपने लिए कुछ वक्त निकालकर करे तो उसके स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद मिल सकती है। तो आइए जानते हैं इन योगासनों के बारे में…
1. विपरीत करनी
इसके लिए आप सबसे पहले योगा मैट पर बिछाकर उस पर पीठ के बल लेट जाएं। अपने पूरे शरीर को शिथिल रखें। धीरे से अपने दोनों पैरों को साथ में आसमान की ओर उठायें और जब टाँगें जमीन से 45 डिग्री तक ऊपर आ जायें, तो अपने दोनों हाथों से कमर को सहारा देते हुए कूल्हों को भी ऊपर की तरफ उठायें। कोशिश करें कि अपने दोनों पैरों को तब तक ऊपर उठाएं जब तक वह एकदम सीधे ना हो जाएं। सुनिश्चित करें कि हाथों से कमर को सहारा देते हुए कोहनियाँ ज़मीन पर टिकी रहें और आपकी पीठ ज़मीन से लगभग 45 डिग्री ऊपर होनी चाहिए। सांसो को अंदर-बाहर करते हुए इसी पोजीशन में 45-50 सेकंड रुकने के बाद धीरे-धीरे सामान्य अवस्था में लौट आएं।
2. मत्स्यासन
इस आसन को करने के लिए सबसे पहले योगा मैट पर पीठ के बल लेट जाएं। अपने दोनों पैरों को साथ में रखें तथा हथेलियों को जमीन पर टिका कर हाथों को हिप्स के नीचे लगाएं। अब कोहनियों को कमर के करीब रखते हुए एक-दूसरे के करीब लाने की कोशिश करें। पैरों की पालथी मार लें। ध्यान रहे कि जांघें और घुटने फर्श पर सपाट रहें। सांस अंदर खींचते हुए सीने को ऊपर की तरफ उठाएं। अपने सिर को भी गर्दन से ऊपर की ओर उठाएं, लेकिन सिर का ऊपरी हिस्सा जमीन को छूता रहेगा।
सुनिश्चित करें कि शरीर का पूरा भार दोनों कोहनियों पर रहे न कि सिर पर। छाती के ऊपर उठने के कारण कंधों की मांसपेशियों पर हल्का दबाव पड़ेगा। सांसो की गति सामान्य रखते हुए अपनी क्षमता अनुसार इसी स्थिति में बने रहे। फिर सांस बाहर निकालते हुए प्रारंभिक अवस्था में धीरे-धीरे वापस आ जाएं। इसके लिए पहले सिर को उठाएं, फिर सीने को जमीन पर वापस लाएं, पैरों को सीधा करें और विश्राम करें।
3. उत्थित हस्त पादंगुष्ठासन
इस आसन को करने के लिए सर्वप्रथम ताड़ासन में खड़े हो जाएं। इसके बाद सांस अंदर लेकर दाएं पैर को ऊपर उठाएं और घुटने को पेट के पास लेकर आयें। शरीर का संतुलन बनाए रखने के लिए अपना ध्यान बाएं पैर पर रखें। इस दौरान दाएं कूल्हे पर खिंचाव महसूस होगा। अपने बाएं हाथ को कमर पर रखकर दाएं हाथ से दाएं पैर के अंगूठे को पकड़ लें। अब कोशिश करें कि दायां पैर बिल्कुल सीधा हो जाए और कोशिश करें कि पैर जितना ऊपर हो सके उतना ऊपर कर लें।
अब सांस छोड़ते हुए अपने सिर को घुटने से छूने की कोशिश करें। अगर पैर को घुटने से छूने में परेशानी हो तो केवल जमीन की ओर झुका लें। इसके बाद सांसो को 4-5 बार अंदर बाहर करके सांस को अंदर लेते हुए अपने सिर को ऊपर उठायें। नजरों को सामने रखते हुए सांस को छोड़ें और अपने दाएं पैर को 90 डिग्री तक बाहर की ओर घुमायें। इस स्थिति में आने के बाद अपने सिर को बाईं ओर घुमायें जब तक आपकी दृष्टि आपके बाएं कंधे पर ना आ जाए। इस आसन में 50-60 सेकंड तक रुकें।
इस आसन से बाहर आते समय सांस अंदर लेते हुए सिर तथा दाएं पैर को वापस सामने की ओर ले जाएं। दोबारा से सिर को घुटने पर टिकायें और वापस ऊपर ले आयें। अब दाएं हाथ को दाएं पैर से हटाकर कमर पर रख लें, लेकिन दाएं पैर को ऊपर ही रखें। आसन खत्म करने के लिए दाएं पैर को धीरे से नीचे कर लें और ताड़ासन की मुद्रा को भी समाप्त कर दें। इसी प्रक्रिया को अपने बाएं पैर से भी दोहरायें।