अध्ययन में पाया गया कि महिलाएं पुरुषों की तुलना में तेजी से निकोटीन (Nicotine) पर आश्रित हो जाती हैं और धूम्रपान छोड़ने में अधिक कठिनाई का अनुभव करती हैं। सैली पॉस के नेतृत्व में शोधकर्ताओं ने इस असमानता की जांच की और मस्तिष्क के रिवॉर्ड प्रणाली में शामिल प्रोटीन, ओल्फैक्टोमेडिन के साथ एक संभावित संबंध का पता लगाया।
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दिलचस्प बात यह है कि निकोटीन (Nicotine) ओल्फैक्टोमेडिन के उत्पादन को दबा देता है। चूंकि एस्ट्रोजन ओल्फैक्टोमेडिन अभिव्यक्ति को बढ़ाता है, इसलिए इन तीन तत्वों के बीच का परस्पर प्रभाव यह बता सकता है कि महिलाएं निकोटीन की लत से ज्यादा जूझती क्यों हैं।
अमेरिकन सोसाइटी फॉर बायोकैमिस्ट्री एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी की पत्रिका में प्रकाशित ये निष्कर्ष विशेष रूप से महिलाओं के लिए तैयार किए गए नए धूम्रपान निषेध उपचारों को विकसित करने का वादा करते हैं। शोधकर्ताओं को उम्मीद है कि ये प्रगति महिलाओं को धूम्रपान की लत को (Women are addicted to smoking) दूर करने में सशक्त बनाएगी।
अध्ययन के तहत काम करने वाली सैली पॉस ने कहा, “अध्ययन बताते हैं कि महिलाओं में पुरुषों की तुलना में निकोटीन की लत लगने की प्रवृत्ति अधिक होती है और वे धूम्रपान छोड़ने में कम सफल होती हैं। हमारा काम यह समझना है कि निकोटीन (Nicotine) उपयोग विकार के लिए महिलाओं को अधिक संवेदनशील बनाता है ताकि निकोटीन की लत के इलाज में लैंगिक असमानता को कम किया जा सके।”
उन्होंने कहा, “हमारे शोध में उन महिलाओं के जीवन और स्वास्थ्य को बेहतर बनाने की क्षमता है जो मादक पदार्थों के सेवन से जूझ रही हैं। अगर हम यह पुष्टि कर सकते हैं कि एस्ट्रोजन ओल्फैक्टोमेडिन के माध्यम से निकोटीन की तलाश और खपत को बढ़ाता है, तो हम ऐसी दवाएं डिजाइन कर सकते हैं जो परिवर्तित रास्तों को लक्षित करके उस प्रभाव को रोक सकें। उम्मीद है कि ये दवाएं महिलाओं के लिए निकोटीन छोड़ना आसान बना देंगी।”