सोया से मिलता हैै फायदा
सोयाबीन जैसे कम वसा वाले शाकाहारी आहार आंतों के माइक्रोबायोम में परिवर्तन को बढ़ावा देता है, जिससे हॉट फ्लैश में 95 प्रतिशत तक की कमी आती है। इसके अलावा, इससे वजन घटाने में भी मदद मिलती है। विशेषज्ञों के मुताबिक जो महिलाएं इससे लड़ना चाहती हैं, उन्हें अपने पेट में बैक्टीरिया को फल, सब्जियां, अनाज और बीन्स से भरपूर शाकाहारी आहार देना चाहिए, जिससे वजन भी कम होता है और हृदय रोग और टाइप 2 मधुमेह से बचाव होता है।
सोयाबीन जैसे कम वसा वाले शाकाहारी आहार आंतों के माइक्रोबायोम में परिवर्तन को बढ़ावा देता है, जिससे हॉट फ्लैश में 95 प्रतिशत तक की कमी आती है। इसके अलावा, इससे वजन घटाने में भी मदद मिलती है। विशेषज्ञों के मुताबिक जो महिलाएं इससे लड़ना चाहती हैं, उन्हें अपने पेट में बैक्टीरिया को फल, सब्जियां, अनाज और बीन्स से भरपूर शाकाहारी आहार देना चाहिए, जिससे वजन भी कम होता है और हृदय रोग और टाइप 2 मधुमेह से बचाव होता है।
ऐसे हुआ अध्ययन
अध्ययन में प्रतिदिन दो या अधिक मध्यम से गंभीर हॉट फ्लैशेस की शिकायत करने वाली 84 पोस्टमेनोपॉज़ल महिलाओं को शामिल किया गया। जिन्हें कम वसा वाले शाकाहारी आहार का पालन करने के लिए कहा गया था, जिसमें एक दिन में आधा कप पके हुए सोयाबीन शामिल थे। बाद में इनके मल का टेस्ट किया गया है, जिसके बैक्टिरिया के अध्ययन से ये जानकारी हासिल हुई। अध्ययन में देखे गए अन्य जीवाणुओं की प्रचुरता में परिवर्तन एस्ट्रोजेन के स्तर को स्थिर करके, सूजन को कम करने और तृप्ति को बढ़ाकर गर्म चमक को कम करने में भूमिका निभा सकते हैं।
अध्ययन में प्रतिदिन दो या अधिक मध्यम से गंभीर हॉट फ्लैशेस की शिकायत करने वाली 84 पोस्टमेनोपॉज़ल महिलाओं को शामिल किया गया। जिन्हें कम वसा वाले शाकाहारी आहार का पालन करने के लिए कहा गया था, जिसमें एक दिन में आधा कप पके हुए सोयाबीन शामिल थे। बाद में इनके मल का टेस्ट किया गया है, जिसके बैक्टिरिया के अध्ययन से ये जानकारी हासिल हुई। अध्ययन में देखे गए अन्य जीवाणुओं की प्रचुरता में परिवर्तन एस्ट्रोजेन के स्तर को स्थिर करके, सूजन को कम करने और तृप्ति को बढ़ाकर गर्म चमक को कम करने में भूमिका निभा सकते हैं।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।