पीसीओस
पीसीओस की बारे में तो आप अनेकों बार सुनते ही होंगें। ये बीमारी आजकल इतनी कॉमन हो गई है कि कम उम्र वाली लड़कियों को भी अपना शिकार बना रही है। पीसीओस बीमारी की बात करें तो ये शरीर में विटामिन डी कि कमी होने पर हो सकती है। शरीर में यदि विटामिन डी कि कमी हो जाती है तो ऐसे में ये बीमारी होने का खतरा दो गुना बढ़ जाता है। इसके लक्षणों कि बात करें तो इसमें पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम के मुख्य लक्षण वेट का तेजी से बढ़ना, बालों की तेजी से ग्रोथ, पीरियड्स में जरूरत से ज्यादा ब्लीडिंग होना, या पीरियड्स के दौरान कम फ्लो होना भी इसके लक्षणों में से एक है।
पीसीओस की बारे में तो आप अनेकों बार सुनते ही होंगें। ये बीमारी आजकल इतनी कॉमन हो गई है कि कम उम्र वाली लड़कियों को भी अपना शिकार बना रही है। पीसीओस बीमारी की बात करें तो ये शरीर में विटामिन डी कि कमी होने पर हो सकती है। शरीर में यदि विटामिन डी कि कमी हो जाती है तो ऐसे में ये बीमारी होने का खतरा दो गुना बढ़ जाता है। इसके लक्षणों कि बात करें तो इसमें पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम के मुख्य लक्षण वेट का तेजी से बढ़ना, बालों की तेजी से ग्रोथ, पीरियड्स में जरूरत से ज्यादा ब्लीडिंग होना, या पीरियड्स के दौरान कम फ्लो होना भी इसके लक्षणों में से एक है।
फोलेट की कमी
शरीर में यदि फोलेट की कमी हो जाए तो ये भी एक समस्या है। यदि आपके शरीर में फोलेट की कमी हो जाती है तो सबसे ज्यादा ये गर्भवती महिलाओं के लिए गंभीर साबित हो सकता है। इसके अनियमित रूप के होने से मिसकैरेज जैसी गंभीर समस्या हो सकती है। और लक्षणों की बात करें तो इसमें भ्रूण में रीढ़ से जुड़े विकार और टाइम से पहले प्रसव होने कि दिक्क्तें आ सकती हैं। फोलेट कि कमी को दूर करने के लिए आपको अपने डाइट कि स्पेशल केयर करने कि जरूरत होती है ताकि आप स्वस्थ रहे।
शरीर में यदि फोलेट की कमी हो जाए तो ये भी एक समस्या है। यदि आपके शरीर में फोलेट की कमी हो जाती है तो सबसे ज्यादा ये गर्भवती महिलाओं के लिए गंभीर साबित हो सकता है। इसके अनियमित रूप के होने से मिसकैरेज जैसी गंभीर समस्या हो सकती है। और लक्षणों की बात करें तो इसमें भ्रूण में रीढ़ से जुड़े विकार और टाइम से पहले प्रसव होने कि दिक्क्तें आ सकती हैं। फोलेट कि कमी को दूर करने के लिए आपको अपने डाइट कि स्पेशल केयर करने कि जरूरत होती है ताकि आप स्वस्थ रहे।
यह भी पढ़ें: पीरियड्स में यदि आप भी हैं हैवी फ्लो से परेशान तो अपना सकते हैं इन घरेलू उपायों को यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन
इस बीमारी का शायद आपने नाम भी नहीं सुना होगा। पर ये बीमारी आजकल बहुत ही ज्यादा कॉमन है, जिसका खतरा महिलाओं को होने का दो गुना होता है। यूरिन कल्चर टेस्ट के जरिए आप इस गंभीर बीमारी के होने का पता लगा सकते हैं। इसमें होने वाले लक्षणों कि बात करें तो इसके होने पर आपको बार-बार टॉयलेट आ सकती है, ये टॉयलेट जाने कि बार-बार इच्छा होती है। और लक्षणों कि बात करें तो टॉयलेट करते समय जलन, दर्द, और अधिक मात्रा में यूरिन आ सकता है। यदि इस समस्या का सही समय पर इलाज नहीं कराया जाता है तो इसमें पेट में दर्द, ब्लीडिंग जैसी समस्या होना शुरू हो जाती है।
इस बीमारी का शायद आपने नाम भी नहीं सुना होगा। पर ये बीमारी आजकल बहुत ही ज्यादा कॉमन है, जिसका खतरा महिलाओं को होने का दो गुना होता है। यूरिन कल्चर टेस्ट के जरिए आप इस गंभीर बीमारी के होने का पता लगा सकते हैं। इसमें होने वाले लक्षणों कि बात करें तो इसके होने पर आपको बार-बार टॉयलेट आ सकती है, ये टॉयलेट जाने कि बार-बार इच्छा होती है। और लक्षणों कि बात करें तो टॉयलेट करते समय जलन, दर्द, और अधिक मात्रा में यूरिन आ सकता है। यदि इस समस्या का सही समय पर इलाज नहीं कराया जाता है तो इसमें पेट में दर्द, ब्लीडिंग जैसी समस्या होना शुरू हो जाती है।
वजाइनल इन्फेक्शन
वजाइनल में इन्फेक्शन होना भी एक तरह कि बीमारी ही है। वजाइनल में इन्फेक्शन कई कारणों से हो सकते हैं इसमें से पैरेसाइट, बैक्टीरिया, और वायरस के संपर्क में आने से महिलाओं में ये प्रॉब्लम देखने को अधिक मिलती है। ज्यादातर बीमारियों या इन्फेक्शन के होने पर डॉक्टर सामान्य जांच के जरिए बीमारी का पता लगा लेते हैं। यदि आप इस बीमारी से खुद का बचाव करना चाहते हैं तो आपको अपने निजी अंगों की साफ-सफाई जरूरी होती है। यदि आप अपने प्राइवेट पार्ट्स का सही तरीके से ध्यान नहीं रखते हैं तो ऐसे में इन्फेक्शन होने का खतरा दो गुना बढ़ जाता है।
वजाइनल में इन्फेक्शन होना भी एक तरह कि बीमारी ही है। वजाइनल में इन्फेक्शन कई कारणों से हो सकते हैं इसमें से पैरेसाइट, बैक्टीरिया, और वायरस के संपर्क में आने से महिलाओं में ये प्रॉब्लम देखने को अधिक मिलती है। ज्यादातर बीमारियों या इन्फेक्शन के होने पर डॉक्टर सामान्य जांच के जरिए बीमारी का पता लगा लेते हैं। यदि आप इस बीमारी से खुद का बचाव करना चाहते हैं तो आपको अपने निजी अंगों की साफ-सफाई जरूरी होती है। यदि आप अपने प्राइवेट पार्ट्स का सही तरीके से ध्यान नहीं रखते हैं तो ऐसे में इन्फेक्शन होने का खतरा दो गुना बढ़ जाता है।