-बहुत ज्यादा गुस्सा आना
-मूड स्विंग्स का होना
-दुखी रहना
-चिंता करना
-बहुत ही जल्दी दुखी हो जाना या बात-बात पर रोने लग जाना
-हाँथ या पैरों में सूजन आना
-पेट में लगातार दर्द का एहसास होते रहना
-कब्ज की समस्या का होना
-सिरदर्द होना
-चक्कर आना
प्रीमेंस्ट्रुअल डिस्फोरिक डिसऑर्डर ज्यादातर बॉडी में हार्मोनल बदलाव की वजह से होता है। जब पीरियड्स आने वाले होते हैं तो हार्मोन्स में तेजी से बदलाव आते हैं। हार्मोन्स में तेजी से बदलाव आने की वजह से कई बार महिलाएं ओवर रियेक्ट करना शुरू कर देती हैं। इसके होने पर आपको भूख न लगना, नींद कम आना, गुस्सा आना, मूड स्विंग्स का होना आदि समस्या होना शुरू हो जाती है, जिसके वजह से मूड चिड़चिड़ा सा रहता है। वहीं ऐसा होने पर महिलाएं ओवर रियेक्ट करना भी शुरू कर देती हैं और इसका असर व्यवहार में भी देखने को मिलता है।
-कोशिश करें कि किसी भी चीज के बारे में इतना गहराई से न सोचें कि ओवर रियेक्ट करना पड़े।
-कोशिश करें कि एक अच्छी लाइफस्टाइल को फॉलो करें, ताकि अनेकों बीमारियां शरीर से दूर रहे और आप भी तंदुरस्त और फिट रहे।
-पीरियड्स के पहले होने वाले दर्द को खत्म करने के लिए अपनी मन से किसी भी दवा का सेवन न करें। डॉक्टर का सहारा लें, या घरेलू उपायों की सहायता लें।
-रोजाना टहलें और व्यायाम करें।
-टेन्शन से मुक्त जीवन जीने कि पूरी कोशिश करें, आने वाले समय के बारे में ज्यादा न सोंचें।
-एक अच्छी डाइट को फॉलो करें, खाना समय पर खाएं।