आईवीएफ के एक चक्र को इस प्रकार समझाया जा सकता है कि अंडाशय को अंडे का उत्पादन करने के लिए उत्तेजित किया जाता है, अंडों को एकत्र किया जाता है और शुक्राणु के साथ भ्रूण बनाया जाता है और एक या दो को ताजा भ्रूण के रूप में गर्भ में स्थापित किया जाता है। कई बार भ्रूण को फ्रीज भी किया जाता है और बाद में उपयोग किया जाता है। अधिकांश महिलाओं के लिए आईवीएफ के एक चक्र में चार से छह सप्ताह का समय लग सकता है। एक बार में सफलता नहीं मिलती तो फिर प्रयास किया जाता है।
चिकित्सकों के अनुसार प्रतिदिन आईवीएफ का एक सत्र रद्द हो रहा है, क्योंकि महिलाओं में वायु प्रदूषण से उत्पन्न खांसी, गले में खराश, आंखों में लालिमा जैसी शिकायतें देखने को मिल रही है। एक चिकित्सक को गुरुवार को ओपीडी में आईवीएफ चक्र रद्द करने पड़े। अब इन महिलाओं को दूसरे चक्र से गुजरने के लिए एक महीने का इंतजार करना होगा।