इसी तरह, कुछ जीवन घटनाएं भी आपके मधुमेह और हाई कोलेस्ट्रॉल जैसी गंभीर बीमारियों के खतरे को बढ़ा सकती हैं। एक रिसर्च में पाया गया है कि महिलाओं में मासिक धर्म जल्दी शुरू होना, गर्भावस्था में ज्यादा वजन बढ़ना और मेनोपॉज के गंभीर लक्षण – ये सभी चीजें उनके मेटाबॉलिक स्वास्थ्य को खराब कर सकती हैं।
इस रिसर्च के मुताबिक, डॉक्टरों को महिलाओं का इलाज करते समय उनके सेक्स-स्पेसिफिक रिस्क फैक्टर्स पर भी ध्यान देना चाहिए। अगर आपके ब्लड शुगर, फैट, ब्लड प्रेशर और बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) सही रेंज में हैं, तो आपका मेटाबॉलिक हेल्थ अच्छा माना जाता है। वहीं, अगर ये चीजें सही नहीं हैं, तो आपको मेटाबॉलिक सिंड्रोम का खतरा रहता है। मेटाबॉलिक सिंड्रोम कई बीमारियों का कारण बन सकता है, जैसे हार्ट डिजीज, डायबिटीज, स्ट्रोक आदि। अमेरिका में हर तीन में से एक वयस्क को मेटाबॉलिक सिंड्रोम है।
अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के अनुसार, आप इन तरीकों से अपना मेटाबॉलिक हेल्थ अच्छा रख सकते हैं और दिल की बीमारी और डायबिटीज का खतरा कम कर सकते हैं: – सेहतमंद खाना खाएं, जैसे फल, सब्जियां और साबुत अनाज। साथ ही, कम फैट वाले खाद्य पदार्थ चुनें और नमक, चीनी और शराब का सेवन कम करें।
– अपना वजन सही बनाए रखें।
– नियमित रूप से व्यायाम करें।
– नाव को मैनेज करें और अच्छी नींद लें।
– धूम्रपान न करें।
– अपना वजन सही बनाए रखें।
– नियमित रूप से व्यायाम करें।
– नाव को मैनेज करें और अच्छी नींद लें।
– धूम्रपान न करें।
हालिया रिसर्च से पता चला है कि महिलाओं के लिए सिर्फ लाइफस्टाइल ही नहीं, बल्कि उनके मासिक धर्म और गर्भावस्था से जुड़ी चीजें भी उनके मेटाबॉलिक हेल्थ को खराब कर सकती हैं। – मासिक धर्म जल्दी शुरू होना (पीरियड्स जल्दी आना)
– पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) होना
– गर्भावस्था में ज्यादा वजन बढ़ना
– मेनोपॉज के गंभीर लक्षण होना
इस रिसर्च के लेखक बताते हैं कि इन चीजों की जांच करके महिलाओं में होने वाली बीमारियों को रोका या उनका इलाज किया जा सकता है।
– पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) होना
– गर्भावस्था में ज्यादा वजन बढ़ना
– मेनोपॉज के गंभीर लक्षण होना
इस रिसर्च के लेखक बताते हैं कि इन चीजों की जांच करके महिलाओं में होने वाली बीमारियों को रोका या उनका इलाज किया जा सकता है।
Fertility Cycle और आपका मेटाबॉलिक स्वास्थ्य (Metabolic Health ) : क्या संबंध है?
हाल ही में हुए एक शोध में यह बात सामने आई है कि महिलाओं के प्रजनन चक्र (Fertility Cycle) से जुड़ी घटनाएं उनके मेटाबॉलिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर सकती हैं। शोधकर्ताओं ने विभिन्न अध्ययनों का विश्लेषण किया और पाया कि जीवन भर प्रजनन चक्र (Fertility Cycle) से जुड़ी कई चीजें महिलाओं के मेटाबॉलिक स्वास्थ्य को प्रभावित करती हैं, जैसे:
हाल ही में हुए एक शोध में यह बात सामने आई है कि महिलाओं के प्रजनन चक्र (Fertility Cycle) से जुड़ी घटनाएं उनके मेटाबॉलिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर सकती हैं। शोधकर्ताओं ने विभिन्न अध्ययनों का विश्लेषण किया और पाया कि जीवन भर प्रजनन चक्र (Fertility Cycle) से जुड़ी कई चीजें महिलाओं के मेटाबॉलिक स्वास्थ्य को प्रभावित करती हैं, जैसे:
मासिक धर्म जल्दी शुरू होना (पीरियड्स जल्दी आना): 12 साल से पहले मासिक धर्म शुरू होना असामान्य ब्लड शुगर लेवल, हाई कोलेस्ट्रॉल, मेटाबॉलिक सिंड्रोम और टाइप 2 डायबिटीज के खतरे को बढ़ा सकता है।
अनियमित मासिक धर्म: नियमित मासिक धर्म की तुलना में, लंबे समय तक अनियमित मासिक धर्म टाइप 2 डायबिटीज के खतरे को बढ़ा सकता है।
पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस): पीसीओएस का मोटापा और टाइप 2 डायबिटीज के साथ गहरा संबंध पाया गया है।
गर्भावस्था: गर्भावस्था के दौरान मधुमेह (जेस्टेशनल डायबिटीज), अत्यधिक वजन बढ़ना और गर्भावस्था के दौरान फैट लेवल का बढ़ना जीवन में बाद में मेटाबॉलिक स्वास्थ्य को खराब कर सकता है।
स्तनपान: लंबे समय तक स्तनपान देना बेहतर मेटाबॉलिक स्वास्थ्य और टाइप 2 डायबिटीज और मेटाबॉलिक सिंड्रोम के कम जोखिम से जुड़ा है।
मेनोपॉज: गंभीर मेनोपॉज लक्षण और जल्दी मेनोपॉज होने से टाइप 2 डायबिटीज का खतरा बढ़ सकता है, लेकिन शोधकर्ताओं ने पाया है कि मेनोपॉज के बाद एस्ट्रोजन थेरेपी इस जोखिम को कम कर सकती है।
हालांकि, यह शोध इन लिंक्स के कारणों पर ध्यान नहीं देता, लेकिन इनमें से अधिकांश रिस्क फैक्टर बढ़े हुए इंसुलिन प्रतिरोध से जुड़े हैं, जिसका मेटाबॉलिक स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ता है।
अनियमित मासिक धर्म: नियमित मासिक धर्म की तुलना में, लंबे समय तक अनियमित मासिक धर्म टाइप 2 डायबिटीज के खतरे को बढ़ा सकता है।
पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस): पीसीओएस का मोटापा और टाइप 2 डायबिटीज के साथ गहरा संबंध पाया गया है।
गर्भावस्था: गर्भावस्था के दौरान मधुमेह (जेस्टेशनल डायबिटीज), अत्यधिक वजन बढ़ना और गर्भावस्था के दौरान फैट लेवल का बढ़ना जीवन में बाद में मेटाबॉलिक स्वास्थ्य को खराब कर सकता है।
स्तनपान: लंबे समय तक स्तनपान देना बेहतर मेटाबॉलिक स्वास्थ्य और टाइप 2 डायबिटीज और मेटाबॉलिक सिंड्रोम के कम जोखिम से जुड़ा है।
मेनोपॉज: गंभीर मेनोपॉज लक्षण और जल्दी मेनोपॉज होने से टाइप 2 डायबिटीज का खतरा बढ़ सकता है, लेकिन शोधकर्ताओं ने पाया है कि मेनोपॉज के बाद एस्ट्रोजन थेरेपी इस जोखिम को कम कर सकती है।
हालांकि, यह शोध इन लिंक्स के कारणों पर ध्यान नहीं देता, लेकिन इनमें से अधिकांश रिस्क फैक्टर बढ़े हुए इंसुलिन प्रतिरोध से जुड़े हैं, जिसका मेटाबॉलिक स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ता है।
डॉ. जी. थॉमस रूइज़, जो प्रसूति और स्त्री रोग विशेषज्ञ हैं और कैलिफोर्निया के फाउंटेन वैली में मेमोरियलकेयर ऑरेंज कोस्ट मेडिकल सेंटर में प्रमुख ओबी/जीवाईएन हैं, और इस शोध में शामिल नहीं थे, उन्होंने भी इस बात से सहमति जताई कि यह एक कारक हो सकता है।
यह शोध बताता है कि महिलाओं के प्रजनन चक्र से जुड़ी घटनाएं उनके मेटाबॉलिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती हैं। अगर आपको इनमें से कोई भी समस्या है, तो डॉक्टर से सलाह लें। ध्यान दें: यह लेख केवल सामान्य जानकारी प्रदान करता है और चिकित्सकीय सलाह का विकल्प नहीं है। किसी भी स्वास्थ्य संबंधी समस्या के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से परामर्श करें।