ट्राइमेस्टर के टेस्ट्स
प्रेग्नेंसी के पहले ट्राइमेस्टर में होने वाली मां का शरीर बहुत तेज़ी से बदलता है और आने वाले समय में एनर्जी की जरूरत को पूरा करने की तैयारी करता है। बहुत सारे शारीरिक और भावनात्मक बदलाव उसके शरीर में होते हैं। नीचे उन टेस्ट्स की लिस्ट दी गई है जो पहले ट्राइमेस्टर में जरूरी होते हैं।
प्रेग्नेंसी के पहले ट्राइमेस्टर में होने वाली मां का शरीर बहुत तेज़ी से बदलता है और आने वाले समय में एनर्जी की जरूरत को पूरा करने की तैयारी करता है। बहुत सारे शारीरिक और भावनात्मक बदलाव उसके शरीर में होते हैं। नीचे उन टेस्ट्स की लिस्ट दी गई है जो पहले ट्राइमेस्टर में जरूरी होते हैं।
1. नियमित ब्लड टेस्ट
2. सीबीसी काउंट टेस्ट इस जानकारी के लिए किया जाता है कि आपके खून में मौजूद अलग-अलग सेल्स किन हालात में हैं। 3. ब्लड ग्रुप ये टेस्ट बताता है कि आपका ब्लड ग्रुप कौन सा है जैसे A, B, AB या O
2. सीबीसी काउंट टेस्ट इस जानकारी के लिए किया जाता है कि आपके खून में मौजूद अलग-अलग सेल्स किन हालात में हैं। 3. ब्लड ग्रुप ये टेस्ट बताता है कि आपका ब्लड ग्रुप कौन सा है जैसे A, B, AB या O
4.Rh फैक्टर टेस्ट ये टेस्ट खून में रेहसस फैक्टर की मौजूदगी के बारे में बताता है। ये एक प्रोटीन है जो ब्लड सेल्स में मौजूद रहता है। रूटीन यूरिन और यूरिन कल्चर टेस्ट्स
RBC की मौजूदगी- रेड ब्लड सेल्स और व्हाइट ब्लड सेल्स एक्टिव यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन की जानकारी देते हैं।
यूरिन में ग्लूकोज लेवल की स्क्रीनिंग होती है ताकि जेस्टेशनल डायबिटीज का स्टेटस पता चले। थायराइड टेस्ट
हमारे गले में मौजूद वॉइस बॉक्स के नीचे एक छोटा सा ग्लैंड होता है जिसे थायराइड कहते हैं। ये छोटा सा ग्लैंड बहुत ही ताकतवर हार्मोन रिलीज करता है जिसे थायराइड हार्मोन कहते हैं जिसे TSH और फ्री T4 से नापा जाता है। ये हार्मोन हमारे पूरे शरीर का मेटाबॉलिज्म रेगुलेट करता है और होने वाली मां को इस हार्मोन की जरूरत बहुत ज्यादा होती है।
यूरिन में ग्लूकोज लेवल की स्क्रीनिंग होती है ताकि जेस्टेशनल डायबिटीज का स्टेटस पता चले। थायराइड टेस्ट
हमारे गले में मौजूद वॉइस बॉक्स के नीचे एक छोटा सा ग्लैंड होता है जिसे थायराइड कहते हैं। ये छोटा सा ग्लैंड बहुत ही ताकतवर हार्मोन रिलीज करता है जिसे थायराइड हार्मोन कहते हैं जिसे TSH और फ्री T4 से नापा जाता है। ये हार्मोन हमारे पूरे शरीर का मेटाबॉलिज्म रेगुलेट करता है और होने वाली मां को इस हार्मोन की जरूरत बहुत ज्यादा होती है।
डायबिटीज
शरीर में बढ़े हुए शुगर लेवल अगर लंबे समय तक रहते हैं तो ये अंदरूनी अंगों को खराब कर सकते हैं, खासतौर पर किडनी को और इनका कम उपयोग मां को ब्लड शुगर की कमी महसूस करवा देता है जबकि असल मायने में खून में भरपूर शुगर होती है।
शरीर में बढ़े हुए शुगर लेवल अगर लंबे समय तक रहते हैं तो ये अंदरूनी अंगों को खराब कर सकते हैं, खासतौर पर किडनी को और इनका कम उपयोग मां को ब्लड शुगर की कमी महसूस करवा देता है जबकि असल मायने में खून में भरपूर शुगर होती है।
इन्फेक्शन स्टेटस को चेक करने वाले टेस्ट 1. हेपेटाइटिस टेस्ट
ये टेस्ट हेपेटाइटिस C इन्फेक्शन की जानकारी के लिए किया जाता है। हेपेटाइटिस C मां से फीटस तक पहुंच सकता है और नवजात में बहुत गंभीर बीमारियां पैदा कर सकता है।
ये टेस्ट हेपेटाइटिस C इन्फेक्शन की जानकारी के लिए किया जाता है। हेपेटाइटिस C मां से फीटस तक पहुंच सकता है और नवजात में बहुत गंभीर बीमारियां पैदा कर सकता है।
2. HTV इंफेक्शन AIDS हमारे लिए कोई नई टर्म नहीं है और ये एक ऐसा गंभीर संक्रमण है जिसकी जांच बहुत ही अच्छे से की जानी चाहिए। होने वाली मां की ठीक से जांच बहुत जरूरी है और HIV इन्फेक्शन शरीर के इम्यून सिस्टम पर असर डालता है और मां से बच्चे को पास होने का खतरा बहुत ज्यादा होता है।
प्रेग्नेंसी के दौरान अल्ट्रासाउंड अल्ट्रासाउंड को ऑब्स्ट्रेटीशियन की तीसरी आंख कहा जाता है जो प्रेग्नेंसी के परिणामों की जांच करता है और मां और बच्चे को सुरक्षित रखता है। आमतौर पर इन अल्ट्रासाउंड्स की सलाह दी जाती है।