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महिला स्वास्थ्य

माहवारी के दर्द से छुटकारा: होम्योपैथिक उपचार जो सचमुच काम करते हैं

Homeopathic remedies for pain during menstruation : पीरियड्स के दर्द को मासिक धर्म में दर्द या डिस्मेनोरिया नाम से भी जाना जाता है। यह माहवारी के समय होने वाला दर्द है। हालांकि, पीरियड्स में दर्द होना सामान्य लक्षण है, लेकिन कई महिलाओं को इस दौरान बहुत ज्यादा दर्द होता है

Nov 11, 2023 / 01:12 pm

Manoj Kumar

Homeopathic remedies for pain during menstruation

Homeopathic remedies for pain during menstruation : पीरियड्स के दर्द को मासिक धर्म में दर्द या डिस्मेनोरिया नाम से भी जाना जाता है। यह माहवारी के समय होने वाला दर्द है। हालांकि, पीरियड्स में दर्द होना सामान्य लक्षण है, लेकिन कई महिलाओं को इस दौरान बहुत ज्यादा दर्द होता है तो कुछ को कम होता है। इसमें होने वाला दर्द इतना तेज हो सकता है कि दैनिक कार्य करने में बाधा आती है, इसीलिए इसका इलाज जरूरी है।
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पीरियड्स ( Period ) के समय थोड़ा-बहुत दर्द होना नॉर्मल है। यदि दर्द ज्यादा होने लगे और आप दैनिक कार्य भी न कर पाएं तो यह डिस्मेनोरिया कहलाता है। अधिकतर यह समस्या 14-25 वर्ष की लड़कियों में हॉर्मोंस के बदलाव के कारण होती हैं।
लक्षण : पेट के निचले हिस्से, नाभि के हिस्से व जांघों में अत्यधिक दर्द होना, दर्द के साथ उबकाई व उल्टी आना, कब्ज या दस्त होना, सिरदर्द के साथ चक्कर आना, अत्यधिक थकान व बेहोशी आना आदि इस रोग के लक्षण माने जाते हैं। यह दर्द उम्र के साथ व अधिकतर मामलों में गर्भावस्था के बाद कम हो जाता हैं। दर्द का कारण ऑवरीज या यूट्रस में गांठें और पैल्विक इंफेक्शन भी हो सकता हैं।
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Homeopathic medicines for Period Pain माहवारी में दर्द की होम्योपैथिक दवा

पीरियड ( Period ) में दर्द के उपचार के लिए कुछ होम्योपैथिक उपचार निम्नलिखित हैं :

ग्नेफैलियम पॉलीसेफेलम
सामान्य नाम : कड-वीड, ओल्ड बाल्सा
लक्षण : ग्नेफैलियम पॉलीसेफेलम का मुख्य रूप से इस्तेमाल साइटिका के दर्द के उपचार के लिए किया जाता है, विशेष रूप से जब रोगी प्रभावित हिस्से में सुन्न होने जैसा अनुभव करता है। इसका उपयोग निम्नलिखित लक्षणों के प्रबंधन के लिए भी किया जा सकता है :
– पैरों और पिंडली में दर्द
-श्रोणि में भारीपन महसूस होना
-मासिक धर्म में दर्द के समय कम ब्लीडिंग होना
-उल्टी
-पेट दर्द

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जेल्सेमियम सेंपरविरेंस
सामान्य नाम : येलो जैस्मिन
लक्षण : येलो जैस्मिन सुस्ती, कंपकंपी, कमजोरी और फ्लू के इलाज के लिए एक प्रभावी उपाय है। इसका उपयोग निम्नलिखित लक्षणों के प्रबंधन में भी किया जा सकता है :
– पीरियड्स के दौरान दर्द और कम ब्लीडिंग होना
– पीरियड का दर्द जो कि कूल्हों और टांगों की ओर बढ़ता है
– ऐसा महसूस होना जैसे कि गर्भाशय पर दबाव पड़ रहा हो
– पीठ दर्द और कूल्हे व पैरों में दर्द
– बाहों और पैरों की मांसपेशियों में खिंचाव, कमजोरी और ऐंठन
यह लक्षण लगभग 10 बजे सुबह और नम व फाॅगी (धूमिल) वातावरण में बिगड़ जाते हैं। एक्साइटेड (उत्तेजित) होने, धूम्रपान करने और बुरी खबर सुनने से लक्षण खराब हो सकते हैं। रोगी को खुली हवा में कुछ समय बिताने, आगे झुकने और बहुत ज्यादा पेशाब करने से राहत महसूस होती है।
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विशेषज्ञ की राय

होम्यौपैथी में इसके लिए कॉलोफायलम, सिमिसीफूगा, बेलाडोना, कोलोसिंथ, मेग फास, सिकील कोर आदि दवाएं दी जाती हैं। ध्यान रहे पेनकिलर्स व अन्य हार्मोनल दवा ब्लीडिंग को बाधित कर सकती है।
डॉ.सविता माहेश्वरी, होम्योपैथी विशेषज्ञ
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।

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