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बांझपन का एक कारण यह भी हो सकता है कि गर्भाशय स्वस्थ भू्रण को थामे रखने में अक्षम हो। अब स्त्री के गर्भाशय की लाइनिंग (ऐंडोमेट्रियम) की जांच मुमकिन है जिससे जाना जा सकेगा कि गर्भाशय रिसेप्टिव है या नहीं। इस टेस्ट को ऐंडोमेट्रियल रिसेप्टिविटी अरे (ईआरए) कहते हैं। यह गर्भाशय की रिसेप्टिविटी यानी भू्रण को स्वीकार करने की क्षमता की परख करता है और सफल गर्भाधान के लिए भू्रण के स्थानांतरण के लिए आदर्श समय की पहचान करता है।
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ऐंडोमेट्रियल की जांच
नोवा आईवीआई फर्टिलिटी, दिल्ली की इनफर्टिलिटी कंसल्टेंट डॉ. पुनीत अरोड़ा कहती हैं, ‘ईआरए टेस्ट ऐंडोमेट्रियल की जांच करता है। एक स्त्री के मासिक चक्र के दौरान कुछ खास समय पर ऐंडोमेट्रियल लाइनिंग का परीक्षण होता है। रिसेप्टिविटी ऐंडोमेट्रियल डायग्नोस्टिक पद्धति होने के नाते ईआरए भू्रण के स्थानांतरण से पहले हर मरीज में इम्प्लांटेशन की संभावनाएं तलाशने में मदद करता है।
ऐंडोमेट्रियल की जांच
नोवा आईवीआई फर्टिलिटी, दिल्ली की इनफर्टिलिटी कंसल्टेंट डॉ. पुनीत अरोड़ा कहती हैं, ‘ईआरए टेस्ट ऐंडोमेट्रियल की जांच करता है। एक स्त्री के मासिक चक्र के दौरान कुछ खास समय पर ऐंडोमेट्रियल लाइनिंग का परीक्षण होता है। रिसेप्टिविटी ऐंडोमेट्रियल डायग्नोस्टिक पद्धति होने के नाते ईआरए भू्रण के स्थानांतरण से पहले हर मरीज में इम्प्लांटेशन की संभावनाएं तलाशने में मदद करता है।
नि:संतानता के इलाज में ईआरए टेस्ट उपयोगी हो सकता है। ट्यूब बेबी और आईवीएफ में भी इससे काफी मदद मिलेगी।
– डॉ. राकेश खूटेटा, गायनेकोलॉजिस्ट
– डॉ. राकेश खूटेटा, गायनेकोलॉजिस्ट