बैरियर मैथड
बैरियर मैथड के जरिए स्पर्म को एग तक पहुंचने से रोका जाता है। इसके लिए या तो बैरियर बनाया जाता है या फिर स्पर्म का एग तक प्रवाह रोका जाता है। बैरियर कॉन्ट्रासेप्टिप्स के तहत कंडोम्स का उदाहरण लिया जा सकता है। बैरियर मैथड से सेक्शुअल ट्रांसमिटेड डिजीज से भी सुरक्षा संभव होती है, जबकि दूसरे तरीके से ऐसा संभव नहीं है।
बैरियर मैथड के जरिए स्पर्म को एग तक पहुंचने से रोका जाता है। इसके लिए या तो बैरियर बनाया जाता है या फिर स्पर्म का एग तक प्रवाह रोका जाता है। बैरियर कॉन्ट्रासेप्टिप्स के तहत कंडोम्स का उदाहरण लिया जा सकता है। बैरियर मैथड से सेक्शुअल ट्रांसमिटेड डिजीज से भी सुरक्षा संभव होती है, जबकि दूसरे तरीके से ऐसा संभव नहीं है।
विड्रॉल
यह गर्भनिरोधक का एक मकैनिकल तरीका है। इसमें संबंध बनाते वक्त पुरुष डिस्चार्ज की अवस्था में पहुंचने से पहले ही प्राइवेट पार्ट को बाहर निकाल लेते हैं, जिससे स्पर्म शरीर में प्रवेश नहीं कर पाता। इस तरीके को वो यंग कपल ज्यादार अपनाते हैं जो कॉन्डम आदि के इस्तेमाल से बचना चाहते हैं। हालांकि यह भी एक रिस्की तरीका है ।
यह गर्भनिरोधक का एक मकैनिकल तरीका है। इसमें संबंध बनाते वक्त पुरुष डिस्चार्ज की अवस्था में पहुंचने से पहले ही प्राइवेट पार्ट को बाहर निकाल लेते हैं, जिससे स्पर्म शरीर में प्रवेश नहीं कर पाता। इस तरीके को वो यंग कपल ज्यादार अपनाते हैं जो कॉन्डम आदि के इस्तेमाल से बचना चाहते हैं। हालांकि यह भी एक रिस्की तरीका है ।
हार्मोनल बर्थ कंट्रोल
कॉन्ट्रासेप्शन के इस तरीके में या तो ओव्यूलेशन की प्रक्रिया पर रोक लगाई जाती है या फिर एग का फर्टिलाइजेशन रोका जाता है। इसके लिए बर्थ कंट्रोल पिल्स ली जाती हैं। गर्भनिरोध की इन गोलियों में हार्मोन्स का कॉम्बिनेशन होता है। हालांकि इन गोलियों को लेकर कई तरह के मिथ भी प्रचलित हैं, लेकिन इन्हें लेना सेफ होता है और ये प्रेग्नेंसी रोकने में बहुत असरदार होते हैं।
कॉन्ट्रासेप्शन के इस तरीके में या तो ओव्यूलेशन की प्रक्रिया पर रोक लगाई जाती है या फिर एग का फर्टिलाइजेशन रोका जाता है। इसके लिए बर्थ कंट्रोल पिल्स ली जाती हैं। गर्भनिरोध की इन गोलियों में हार्मोन्स का कॉम्बिनेशन होता है। हालांकि इन गोलियों को लेकर कई तरह के मिथ भी प्रचलित हैं, लेकिन इन्हें लेना सेफ होता है और ये प्रेग्नेंसी रोकने में बहुत असरदार होते हैं।
रिवर्सिबल कॉन्ट्रासेप्शन
रिवर्सिबल कॉन्ट्रासेप्टिव्स के तहत कई तरह के गर्भनिरोध के तरीके अपनाए जा सकते हैं और ये तरीके भी प्रेग्नेंसी रोकने में काफी असरदार होते हैं। गोलियों की तुलना में इन्हें रोजाना लेने की जरूरत नहीं होती। इनमें इंट्रायूटेराइन डिवाइस, जिनमें कॉपर और हार्मोनल, हर तीन महीने पर इंजेक्शन से ली जाने वाली दवाएं, सबडर्मल इंप्लांट, जिन्हें स्किन के भीतर लगाया जाता है, शामिल हैं। जब आप प्रेग्नेंट होना चाहें तो इन डिवाइसेस को हटवा सकती हैं।