प्रोफेसर मिलो के मुताबिक, उन्होंने बंदरों पर कोविड-19 वायरस के संक्रमण की दर निकाली, जब उस पर संक्रमण का सर्वाधिक असर था। रॉन की टीम ने बंदर के फेफड़ों, टॉन्सिल और पाचन प्रणाली में वायरस की मात्रा नापी। इसके बाद उन्होंने वायरस के कणों की प्रति ग्राम ऊतक के हिसाब से गणना की। फिर इसे इंसान के ऊतकों के द्रव्यमान से तुलना की। कम वजन का अर्थ है, जब कोरोना का असर कम था और 10 किलोग्राम वजन उस वक्त रहा होगा, जब वायरस का असर पीक पर था।
वायरस के कणों की संख्या को आपस में मिलाकर पाया कि एक संक्रमित व्यक्ति में एक माइक्रोग्राम से लेकर 10 माइक्रोग्राम तक वायरस के कण हो सकते हैं।