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वैज्ञानिकों ने इस एस्ट्रोलेब की पहचान लेजर इमेजिंग तकनीक से की है। विशेषज्ञों के अनुसार, इस यंत्र को 1496 से 1501 के बीच बनाया गया होगा। माना जा रहा है कि इस यंत्र का नाम सोद्रे है। प्राचीन समय के पुर्तगाल और स्पेन के खोजी नाविक समुद्री दिशा के ज्ञान के लिए एस्ट्रोलेब का इस्तेमाल किया करते थे। इस यंत्र को अब तक का सबसे अनोखा ‘समुद्री दिशा सूचक’ यंत्र बताया जा रहा। ब्रिटेन की वारविक यूनिवर्सिटी के मुताबिक, जहाजों के मलबों से इनकी खोज करना अपने आप में दुर्लभ है।
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वैज्ञानिकों के मुताबिक, 1481 में अफ्रीका के पश्चिमी तट की ओर समुद्री यात्रा करने वाले पुर्तगालियों ने सबसे पहले इसका इस्तेमाल किया था। बता दें कि सोद्रे एस्ट्रोलोब 175 मिलीमीटर के व्यास वाला ‘समुद्री दिशा सूचक’ है जिसका वजन 344 ग्राम है। इसपर पुर्तगाल का राष्ट्रीय चिन्ह बना हुआ है। इस यंत्र की मदद से पता किया जा सकता है कि इस तरह प्राचीन समय में यात्री इस तरह समुद्र जहाज से यात्रा किया करते थे।