बेंगलुरु में मटन की जगह परोसा जा रहा कुत्ते का मांस! जानें कैसे हुआ खुलासा
छत्तीसगढ़ के लोग इस वनभैंसा को प्यार से खुशी बुलाते हैं। वन अमले के लोग खुशी के स्वास्थ का पूरा ख्याल रख रहे हैं। अमले का कहना है कि इस महीने के आखिरी तक खुशी बच्चे को जन्म दे सकती है। डॉक्टर भी समय-समय पर खुशी का चेकअप करने आ रहे हैं। खुशी की देखरेख में कोई कमी न रह जाए इसके लिए कोई न कोई उसके आस-पास रहता है। खुशी के मां बनने पर वन विभाग को वनभैंस की इस खास प्रजाति को बचाने की एक आस नज़र आई है वो उसकी सफल डेलिवरी कराने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं।
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गौरतलब है वनभैंस छत्तीसगढ़ का राज्य पशु है जो विलुप्त होने के कगार पर है। इस बात का अंदाज़ा आप इस बात से लगा सकते हैं कि उदंती अभयारण्य में सिर्फ 8 वनभैंसे बचे हुए हैं जिनमें से केवल दो भैसें मादा हैं। जिनको आशा और खुशी नाम दिया गया है। आशा बुजुर्ग हो गई है वह अब मां नहीं बन सकती। जिसके बाद अब खुशी से सबकी उम्मीदें जुड़ी हैं।