अजब गजब

अगर आप भी वेस्टर्न टॉयलेट को समझते हैं बेटर, तो बदल दें सोच! नहीं तो पड़ जाएंगे लेने के देने

आज भी ज्यादातर लोग बाथरूम बनवाते वक्त इस बारे में अनिश्चित रहते हैं कि वे इंडियन टॉयलेट का चुनाव करें या वेस्‍टर्न टॉयलेट फिट करवाएं।

Oct 24, 2018 / 03:59 pm

Arijita Sen

अगर आप भी वेस्टर्न टॉयलेट को समझते हैं बेटर, तो बदल दें सोच! नहीं तो पड़ जाएंगे लेने के देने

नई दिल्ली। वर्तमान समय में खान-पान से लेकर पहनावे तक हर किसी में हम पाश्चात्य सभ्यता को ज्यादा प्राथमिकता देते हैं। बोलचाल में भी लोग अंग्रेजी भाषा के उपयोग को ही बेहतर मानते हैं। यहां तक कि घर को डिजाइन करने में भी वेस्टर्न कल्चर को ही ज्यादातर अपनाया जाता है।

ड्रॉइंग रूम हो या बेड रूम, बालकनी हो या बाथरूम हर जगह को मॉडर्न आउटलुक दिया जाता है।हालांकि आज भी ज्यादातर लोग बाथरूम बनवाते वक्त इस बारे में अनिश्चित रहते हैं कि वे इंडियन टॉयलेट का चुनाव करें या वेस्‍टर्न टॉयलेट फिट करवाएं।अधिकतर लोग आज अपने घरों में वेस्टर्न टॉयलेट लगवाते हैं, लेकिन आज हम आपको जो बताने जा रहे हैं उस बारे में जानने के बाद आप ऐसा करने से पहले एक बार जरुर सोचेंगे।

 

दैनिक जीवन में व्‍यायाम के महत्‍व से हम सभी वाकिफ है। हालांकि समय के अभाव के चलते इसके लिए वक्त निकाल पाना हर किसी के लिए संभव नहीं हो पाता है। ऐसे में इंडियन टॉयलेट का इस्तेमाल कर आप रोजाना व्‍यायाम कर सकते हैं। इंडियन टॉयलेट आयु-संभाव्यता (Life Expectancy) को बढ़ाने में सहायक है। इस तरह के शौचालय का इस्तेमाल करते वक्त हाथ से लेकर पैरों तक की मांसपेशियों का इस्तेमाल होता है जो कि स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है। इससे बॉडी में ब्लड सर्कुलेशन भी अच्छे से होता है।

Indian style washroom

सामान्य इंसान के साथ गर्भवती महिलाओं के लिए यह काफी लाभदायक है। जब कोई गर्भवती महिला इंडियन टॉयलेट सीट पर बैठती है तो इससे उनके गर्भाशय पर दबाव नहीं बनाता है। इसके साथ ही इंडियन टॉयलेट के उपयोग से नॉर्मल डिलीवरी होने की संभावना ज्यादा रहती है।

यह पेट से संब‍ंधित कोलन कैंसर और अन्‍य बीमारियों को रोकने में भी मददगार है।आपको बता दें कि इंडियन टॉयलेट सीट पर बैठना से हमारे शरीर में कोलन से मल पूरी तरह से निकल पाता है। इतना ही नहीं यह कब्‍ज, एपेंडिसाइटिस और अन्‍य कई प्रकार की बीमारियों से भी शरीर की रक्षा करता है।

शरीर में पाचन क्षमता को बढ़ाने में भी यह सहायक है। यह भोजन को पचाने में आपकी मदद करता है। ऐसा इसलिए क्योंकि जब आप इस पर बैठते हैं तो इससे पेट पर दबाव पड़ता है। बॉडी पॉश्चर को सुधारने में भी इंडियन टॉयलेट का कोई जवाब नहीं है।

भले ही वक्त के साथ-साथ हम अन्य सभ्यताओं को अपना रहे हैं, लेकिन अपने देश में कुछ-कुछ चीजें ऐसी है जिनका उपयोग आज भी अगर आप करें तो यह आपके ही लिए बेहतर है।

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