अजब गजब

इस गांव के बच्चे घर पर नही पेड़ों और छतों पर पढ़ने को हैं मजबूर, जाने इसके पीछे की खास वजह

कोरोना काल में छात्रों की पढ़ाई का एकमात्र सहारा रही ऑनलाइन क्लास
ऐसे में पूरी दुनिया में मोबाइल या लैपटॉप पर ऑनलाइन पढ़ाई का रास्ता अपनाया गया
दूरदराज के कई इलाके में नही मिलता था मोबाइल का नेटवर्क

Feb 11, 2021 / 07:28 pm

Pratibha Tripathi

children study on trees

नई दिल्ली। कोरोना महामारी ने लोगों की ज़िदगी में बड़ा बदलाव किया है, नौकरी से लेकर शिक्षा तक सब कुछ ऑनलाइन हो गया था। अगर बात करें छात्रों की तो उनके लिए लगभग 8-9 महीने स्कूल बंद रहे हैं लेकिन बच्चों की पढ़ाई पर बुरा असर ना पड़े इसके लिए स्कूलों ने ऑनलाइन क्लास शुरू की, जो छात्रों के लिए पढ़ाई का एकमात्र सहारा रही है। कई महीने का लॉकडाउन और लॉकडाउन खुलने के बाद कोरोना से बचाव के लिए स्कूल बंद रहे, ऐसे में पूरी दुनिया में मोबाइल या लैपटॉप पर ऑनलाइन पढ़ाई का रास्ता अपनाया गया। पर हमारे देश में दूरदराज के कई इलाके ऐसे भी हैं जहां मोबाइल का नेटवर्क बड़ी समस्या है। ऐसी जगहों पर ऑनलाइन पढ़ाई बड़ी चुनौती है।

रिक्शा चालक की बेटी बनी Miss India 2020 रनर अप, पैसों की तंगी के कारण सड़क पर करती थीं रैंप वॉक

ऐसी ही एक जगह है मध्यप्रदेश के होशंगाबाद जिले के केसला ब्लॉक का जहां ऑनलाइन पढ़ाई छात्रों की लिए किसी मुसीबत से कम नहीं है। दरअसल, केसला ब्लॉक में ऑनलाइन पढ़ाई करने वाले छात्रों के लिए मुसीबत है मोबाइल नेटवर्क। क्योंकि इस सुदूर आदिवासी आदिवासी अंचल में मोबाइल का नेटवर्क ना के बराबर आता है जिससे इस इलाके के छात्र काफी दिक्कतों में हैं।

होशंगाबाद जिले के इस ग्रमीण आदिवासी इलाके में कई गांव ऐसे हैं जहां मोबाइल का नेटवर्क है ही नहीं और जहां थोड़ी बहुत सिगनल आता भी है वहां नेटवर्क के लिए उंची जगहों पर जाना पड़ता है। ऐसे में आदिवासी छात्रों को ऑनलाइन पढ़ाई के लिए या तो पेड़ का सहारा लेना पड़ता है और जहां छत वाले घर हैं वहां छात्र छत पर चढ़ने को मजबूर हैं।

ऑनलाइन पढ़ाई के लिए मोबाइल नेटवर्क काफी परेशानी भरा है, लेकिन इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए लोगों ने मोहल्ला क्लास लगाने की व्यवस्था की, मोहल्ला क्लास में शिक्षक खुद जाकर एक जगह बच्चों को इकट्ठा करते और पढ़ाते हैं।

बताया जाता है कि, ‘केसला आदिवासी बाहुल्य इलाका है, यहां कई गांवों में मोबाइल नेटवर्क की समस्या है। ऐसे में ऑनलाइन पढाई की व्यवस्था के लिए अलग इंतजाम किए गए हैं, यहां वाट्सअप ग्रुप के जरिये पढ़ाई कराई जाती है। इसके लिए राज्य शिक्षा केन्द्र के द्वारा मोहल्ला क्लास बनाई गई है। इसमें शिक्षकों को शिक्षा की सामग्री उपलब्ध कराई जाती है, जिसके माध्यम से बच्चों को सुचारु पढ़ाया जाता है।’

Hindi News / Ajab Gajab / इस गांव के बच्चे घर पर नही पेड़ों और छतों पर पढ़ने को हैं मजबूर, जाने इसके पीछे की खास वजह

Copyright © 2025 Patrika Group. All Rights Reserved.