सिर्फ इंसान ही नहीं बल्कि इस मंदिर के संपर्क में आते ही पशु-पक्षी तक मर जाते थे। आज भी पक्षी और सांड़ इस दवार में घुसने के बाद जिंदा बाहर नहीं आ पाते। यह जगह प्राचीन ग्रीक रोमन साम्राज्य के हीरापोलिस शहर में है। जो वर्तमान में यह शहर दक्षिण पश्चिम टर्की के पमुक्कल शहर के नाम से जाना जाता है। बता दें कि, प्लूटो देवता के नाम पर जानवरों को मरने के लिए इस गुफा में डाल दिया जाता था और लोग इन जानवरों के मरने का तमाशा देखते थे। यहां के लोगों का दावा है कि लोगों और जानवरों की मौतें यूनानी देवता की जहरीली सांसों की वजह से हो रही है। यहां धार्मिक क्रियाकलापों के नाम पर जानवरों को मरने के लिए डाल दिया जाता था। इस क्रिया को प्लूटोनियम कहा जाता था।हालांकि अब वैज्ञानिकों ने इसकी खोज कर ली है और उसके बाद यहां हो रही मौतों के पीछे की गुत्थी सुलझा ली गई है। उनका कहना था कि इसके पीछे मंदिर के नीचे से लगातार रिसकर बाहर निकल रही कार्बन डाई ऑक्साइड गैस है।