जरूर पढ़ेंः धरती की गहराई में मिला हीरों का खजाना, चांद से भी पुराना है इसका नाता जी हां, यह मामला है तेलंगाना के जनगांव जिले का। यहां के पेमबर्थी गांव की एक जमीन के अंदर एक तांबे के बर्तन में छिपा हुआ खजाना गुरुवार को इसकी खुदाई के दौरान बाहर निकला। हालांकि सोने का खजाना मिलने की खबर जंगल में आग की तरह फैली और कई लोग खजाने को देखने के लिए इकट्ठा हो गए। यहां तक की कुछ लोगों ने तो धातु के बर्तन की पूजा भी की। आनन-फानन में प्रशासनिक अधिकारियों को इसकी खबर दी गई, जिसके बाद सारा सामान जिलाधिकारी कार्यालय ने जब्त कर लिया है।
जानकारी के मुताबिक हैदराबाद के निवासी और इस जमीन के मालिक नरसिम्हा कथित तौर पर एक रियल एस्टेट व्यवसायी हैं। गुरुवार को वह वारंगल को हैदराबाद से जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग-163 के बगल में अपनी 11 एकड़ भूमि को आवासीय भूखंड में बदलने के लिए जमीन की खुदाई करवा रहे थे।
लगभग 11 बजे खुदाई करते समय उस भूखंड में करीब 2 फीट की गहराई में उन्हें एक बर्तन मिला जिसमें सोने और चांदी के बेशकीमती गहने भरे हुए थे। इसके बाद नरसिम्हा ने पुलिस और स्थानीय अधिकारियों को इसकी जानकारी दी।
जरूर पढ़ेंः इस मंदिर में शिवलिंग के नीचे छिपा है बेशकीमती खजाना, जिसने भी नजर डाली, उसके साथ ऐसी घटना घटी स्थानीय मीडिया से बातचीत में जनगांव के सहायक पीठासीन अधिकारी राजेंद्र प्रसाद ने कहा, “जब हमें इस खजाने के मिलने के बारे में सूचना मिली तो हमने कीमती सामान बरामद किया और इसे कलेक्ट्रेट भेज दिया। इसके अलावा अगले आदेश तक उस परिसर में किसी भी तरह की खुदाई गतिविधि को ना किए जाने संबंधी निर्देश के संपत्ति के मालिक को जारी किए गए हैं।”
जमीन के नीचे बरामद किए गए इस खजाने का कुल वजन करीब पांच किलोग्राम है। इसमें 189.820 ग्राम वजन के सोने के गहने और 1.727 किलोग्राम वजन के चांदी के आभूषण शामिल है। अधिकारियों ने कहा कि सोने और चांदी के गहनों के साथ ही 6.5 ग्राम वजनी माणिक भी पाया गया है और तांबे के बर्तन का वजन 1.200 किलोग्राम है।
विवरण के अनुसार बरामद आभूषणों में 77.220 ग्राम वजनी 22 सोने के झुमके, 57.800 ग्राम वजनी 51 सोने के मोती, 17.800 ग्राम वजनी 11 सोने के पुतलू (मंगलसूत्र) समेत अन्य चीजें शामिल हैं। इसी तरह 1.227 किलोग्राम वजनी 26 चांदी की छड़ें, 216 ग्राम वजनी 5 चांदी की चेनें और 42 ग्राम वजनी अन्य वस्तुएं बरामद की गईं हैं। इसकी अनुमानित कीमत दो करोड़ रुपये आंकी जा रही है।
जरूर पढ़ेंः विजय पाने की थी ऊमरेश्वर की स्थापना फिर जमीन में निकला खजाना खजाने की जांच करने वाले पेमबर्थी के सरपंच अंजनीयुला गौड़ का मानना है कि यह कीमती खजाना काकतीय काल वंश का हो सकता है। उन्होंने कहा कि अगर जिले के अधिकारी गांव में खुदाई कराते हैं, तो वे और भी ज्यादा छिपे हुए खजाने का पता लगा सकते हैं और पेमबर्थी को प्रसिद्धि दिला सकते हैं।
वहीं, एक स्थानीय टीवी चैनल की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इससे पहले कई गिरोह छिपे हुए खजाने की तलाश में इस क्षेत्र में अवैध रूप से खुदाई कर रहे थे।