नदियों से जीवन के लिए स्वच्छ जल प्राप्त होता है यही कारण है कि अधिकांश प्राचीन सभ्यताएं ,जनजातियां नदियों के आस-पास ही विकसित हुईं।शुरूआती 100 किलोमीटर तक लूना नदी का पानी मीठा रहता है लेकिन बाड़मेर के बाद इस नदी के पानी का स्वाद नमकीन हो जाता है। इसके पीछे की वजह यह है कि रेगिस्तान क्षेत्र से गुजरने पर रेत में मिले नमक के कण पानी में मिल जाते हैं। कच्छ के रण पर जाते ही यह नदी सूख जाती है। राजस्थान के कई जिलों में लूनी नदी सिंचाई का प्रमुख स्रोत है। यह नदी राजस्थान वासियों के लिए जीवनदायिनी है यही वजह है यहां के लोग इसकी पूजा भी करते हैं। बता दें कि मानसून के समय यह नदी बेहद खूबसूरत हो जाती है।