कहते हैं घर से भागकर जब यहां कोई प्रेमी जोड़ा आता है तो यहां के पुजारी खुद उनकी सेवा करते हैं, और तब तक उन्हें भगवान की शरण में रखते हैं जब तक मामला सुलझ न जाए। यहां के पुजारी का कहना है कि, जब यहां कोई जोड़ा आ जाता है तो उसे देवता के शरण में आया हुआ मान लिया जाता है। तकरीबन डेढ़ हजार की आबादी वाली शांघड़ पंचायत के बीचोंबीच फैला देवता शंगचूल महादेव का मैदान आपको यहां की सुंदरता का बखान करने के लिए बार-बार विवश करेगा। बता दें कि, मंदिर परिसर में कोई भी प्रेमी जोड़ा आ जाता है तो कहा जाता है कि जोड़े पर भगवान शंगचूल महादेवा की कृपा बन जाती है जिसके बाद उनको कोई भी नुकसान नहीं पहुंचा सकता है. इस मंदिर में कोई भी इंसान किसी हथियार के साथ नहीं आ सकता है।