क्या है सच्चाई असल में इंसान की मौत के बाद उसके शरीर के अलग-अलग हिस्सों की कोशिकाएं अलग-अलग वक्त पर काम करना बंद करती हैं। जब दिल काम करना बंद कर देता है, तो दिमाग को ऑक्सीजन की सप्लाई रुक जाती है। दिमागी कोशिकाओं के पास काम करने के लिए स्टोर में ईंधन नहीं होता। इसलिए दिल धड़कना बंद होने के पांच से सात मिनट के भीतर दिमाग की सारी कोशिकाएं मर जाती हैं। अगर किसी इंसान के अंगों का प्रत्यर्पण होना है तो उसकी मौत के आधे घंटे के अंदर शरीर से जिगर, गुर्दे और दिल को निकाल लेना जरूरी होता है। इन्हें अगले छह घंटों में अंगदान लेने वाले के शरीर में लगाना होता है। हालांकि, चमड़ी की कोशिकाएं मौत के काफी देर बाद भी जिंदा रहती हैं। चमड़ी का ट्रांसप्लांट किसी इंसान के मरने के 12 घंटे बाद तक किया जा सकता है।
नाखूनों के बढ़ने के लिए जरूरी है यह चीज
नाख़ूनों के बढ़ने के लिए जरूरी है कि हमारे शरीर में नई कोशिकाएं बनती रहें। हमारा शरीर बिना ग्लूकोज के नहीं कर सकता है। हमारे नाखून रोजाना औसतन करीब 0.11 मिलीमीटर की दर से बढ़ते हैं। उम्र बढ़ने के साथ नाख़ून बढ़ने की रफ्तार धीमी हो जाती है। नाख़ून की चमड़ी के नीचे एक परत होती है। इसे जर्मिनल मैट्रिक्स कहा जाता है। इसमें बनने वाली कोशिकाओं की वजह से ही हमारे नाख़ून बढ़ते रहते हैं। नई कोशिकाएं, नीचे से पुरानी सेल्स को धक्का देकर आगे बढ़ाती रहती हैं। इस तरह से हमारे नाख़ून ऊपर की तरफ बढ़ते रहते हैं।
नाख़ूनों के बढ़ने के लिए जरूरी है कि हमारे शरीर में नई कोशिकाएं बनती रहें। हमारा शरीर बिना ग्लूकोज के नहीं कर सकता है। हमारे नाखून रोजाना औसतन करीब 0.11 मिलीमीटर की दर से बढ़ते हैं। उम्र बढ़ने के साथ नाख़ून बढ़ने की रफ्तार धीमी हो जाती है। नाख़ून की चमड़ी के नीचे एक परत होती है। इसे जर्मिनल मैट्रिक्स कहा जाता है। इसमें बनने वाली कोशिकाओं की वजह से ही हमारे नाख़ून बढ़ते रहते हैं। नई कोशिकाएं, नीचे से पुरानी सेल्स को धक्का देकर आगे बढ़ाती रहती हैं। इस तरह से हमारे नाख़ून ऊपर की तरफ बढ़ते रहते हैं।
मौत के बाद रुक जाते हैं नाखून बढ़ना मौत होने के बाद इन कोशिकाओं को ईंधन यानी ग्लूकोज़ की सप्लाई रुक जाती है। इसलिए नाख़ून भी बढ़ने रुक जाते हैं। यही प्रक्रिया बालों के साथ होती है। हर बाल के नीचे स्थित फॉलिकिल में नई कोशिकाएं बनती रहती हैं। इन्हीं की वजह से हमारे बाल बढ़ते रहते हैं। इस फॉलिकिल मैट्रिक्स की कोशिकाएं बहुत तेजी से बढ़ती हैं।
शरीर में खून के बहाव बंद होने के बाद बालों का बढ़ना भी हो जाता है बंद इस वजह से हमारे बाल ताकतवर होते जाते हैं, लेकिन ये तभी होता है, जब इन कोशिकाओं को ईंधन की सप्लाई बिना किसी रोक-टोक होती रहती है। यानी ख़ून के जरिए इन कोशिकाओं तक ग्लूकोज पहुंचता रहता है। मौत होने के बाद दिल धड़कना बंद होता है। इससे शरीर में ख़ून का बहाव रुक जाता है। नतीजा ये कि हमारे बालों का बढ़ना भी रुक जाता है, क्योंकि इन्हें बढ़ाने वाली कोशिकाओं को ख़ुराक ही नहीं मिलती।
इस वजह से बढ़े हुए दिखते हैं बाल आैर नाखून असल में मौत के बाद लोगों के नाख़ून या बाल नहीं बढ़ते। लेकिन, ख़ून की सप्लाई रुकने की वजह से इनके आपपास की चमड़ी सूखकर सिकुड़ जाती है। यही वजह है कि नाख़ून और बाल मरने के बाद बढ़े हुए मालूम होते हैं। मौत के बाद दफनाने से पहले कई बार चमड़ी को गीला भी किया जाता है, ताकि चेहरा सामान्य दिखे। मरे हुए इंसान की ठोढ़ी के आस-पास की चमड़ी भी सूख जाती है। इससे ये खोपड़ी की तरफ खिंच जाती है। इसी वजह से मरने वाले की दाढ़ी भी बढ़ी हुई लगती है।