अजब गजब

हिरोशिमा में नहीं बल्कि सबसे पहले महाभारत की लड़ाई में हुआ था परमाणु बम का इस्तेमाल! सबूतों को देख वैज्ञानिक हुए दंग

महाभारत के युद्ध में हो चुका है परमाणु बम का इस्तेमाल
कई अध्ययनों के बाद वैज्ञानिकों ने माना इसे सच

Feb 28, 2019 / 01:09 pm

Arijita Sen

हिरोशिमा में नहीं बल्कि सबसे पहले महाभारत की लड़ाई में हुआ था परमाणु बम का इस्तेमाल, सबूतों को देख वैज्ञानिक हुए दंग

नई दिल्ली। आज की तारीख में लगभग हर देश के पास इतनी ताकत है कि वह मिनटों में अपने दुश्मन देश को तबाह कर सकता है। न्यूक्लियर एनर्जी या परमाणु बम आज हर किसी के पास है ऐसे में युद्ध की नीति न अपनाने में ही सभी की भलाई है।

दुनिया के सबसे खतरनाक हथियारों में से एक परमाणु बम एक ही झटके में करोड़ों की आबादी को तबाह करने की क्षमता रखता है। हम सभी इसके बारे में अवगत हैं, लेकिन क्या आप इस बात को जानते हैं कि दुनिया में सर्वप्रथम परमाणु बम का इस्तेमाल कहां किया गया था?

 

इस सवाल के जवाब में सभी यह बताएंगे कि 6 अगस्त, 1945 के दिन जापान के हिरोशिमा में इसे गिराया गया था जिसका प्रभाव आज भी यहां देखा जा सकता है। उस भयावह परिस्थिति के बारे में सोचकर अभी भी लोगों का दिल दहल उठता है। हालांकि परमाणु बम का इस्तेमाल यह पहली बार नहीं था बल्कि इससे पहले भी इसे उपयोग में लाया जा चुका है।

 

Mahabharat

जानकर भले ही यकीन न हो, लेकिन यह सच है कि महाभारत काल में सबसे पहले परमाणु बम का इस्तेमाल किया गया था और इससे भी ज्यादा हैरान कर देने वाली बात तो यह है कि वैज्ञानिकों को इसका प्रमाण भी मिल चुका है। स्वयं उस शख्स ने इस बात का खुलासा किया है जिसने इसका आविष्कार किया था।

 

war in old days

वैज्ञानिक जूलियस रॉबर्ट ओपेनहाइमर ने एक रिसर्च में इस बात का खुलासा किया है कि परमाणु बम जैसे अन्य कई विनाशकारी व घातक हथियारों का उपयोग महाभारत के युद्ध में भी हो चुका है। गीता और महाभारत का गहराई से अध्ययन करने के दौरान उन्हें यह पता चला।

महाभारत में ब्रह्मास्त्र का जिक्र किया गया है। उन्होंने इस पर बारीकि से अध्ययन किया। वर्ष 1939 से 1945 के बीच हुए इस रिसर्च में रॉबर्ट ओपेनहाइमर के अलावा कई और वैज्ञानिकों की एक टीम मौजूद थी।

ट्रिनिटी यानी त्रिदेव नामक इस रिसर्च मिशन में वैज्ञानिकों ने यह निष्कर्ष निकाला कि उस जमाने में जिस ब्रह्मास्त्र का उपयोग शत्रुओं को परास्त करने के लिए किया गया था वह परमाणु हथियार से किसी मामले में कम नहीं था।

 

Hadappa

सिर्फ रॉबर्ट ओपेनहाइमर ने ही इस बात को नहीं स्वीकारा है बल्कि पुणे के पद्माकर विष्णु वर्तक जो कि एक लेखक होने के साथ ही साथ डॉक्टर भी हैं उनका भी यही कहना था। अपने द्वारा लिखी गई एक किताब ‘स्वयंभू’ में उन्होंने इस बात का जिक्र भी किया है।

 

Skeletons found in Hadappa

सिंधु घाटी सभ्यता पर रिसर्च करने के दौरान 5000 से 7000 ईसापूर्व हड़प्पा और मोहनजोदाड़ो में टीम को ऐसे कई नरकंकाल मिले जिनका परीक्षण करने पर पता चला कि उनकी मौत किसी घातक अस्त्र से मारने के चलते हुई थी।

World's first atomic bomb

इतना ही नहीं ऐसे भी कई सबूत मिले जिससे साफ था कि यहां उस दौरान रेडिएशन अधिक मात्रा में पैदा हुआ था जैसा कि बिल्कुल परमाणु बम के विस्फोट के बाद होता है।

 

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