नई दिल्ली। हिंदू-मुस्लिम का नाम आते ही लोग अक्सर तनाव में आ जाते हैं। क्योंकि दोनों समुदायों के बीच अक्सर तनातनी बनी रहती है। ऐसे में इस्लामिक देश पाकिस्तान में हिंदू-मुस्लिमों का साथ में मोहब्बत से रहना किसी को भी चौंका सकता है। मगर सद्भावना की ये मिसाल पाकिस्तान के थारपारकर जिले में स्थित मीठी कस्बे की है। जहां दोनों समुदाय के लोग मिलकर रहते हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि यहां हिंदुओं की आबादी मुस्लिमों से ज्यादा है।
मीठी शहर पाकिस्तान के लाहौर से करीब 875 किलोमीटर दूर स्थित है। यहां की कुल आबादी करीब 87 हजार है, जिसमें से करीब 80 फीसदी लोग हिंदू हैं। यहां दोनों समुदाय के लोग आपस में मिलकर त्योहार मनाते हैं। यहां रहने वालों में इतनी एकता है कि वो सद्भाव को कायम रखने के लिए हर मुमकिन कोशिश करते हैं। बताया जाता है कि जब यहां के मंदिरों में पूजा होती है तब मुस्लिम समुदाय के लोग अजान के लिए तेज आवाज में स्पीकर नहीं बजाते हैं। वहीं हिंदू लोग भी नमाज के वक्त मंदिरों में घंटियां नहीं बजाते हैं।
बताया जाता है कि साल 1971 में हुए भारत-पाकिस्तान युद्ध में भारतीय सेनाएं मीठी तक पहुंच गई थीं। ऐसे में मुस्लिम परिवारों को अपना घर छोड़कर जाना पड़ा था। तब हिंदुओं ने उन्हें फिर से यहां रहने के लिए शरण दी थी।
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