वैष्णों देवी की उत्पत्ति भगवन विष्णु के अंश से हुई है इसलिए उन्हें ये नाम मिला है।वैष्णो देवी का मंदिर का एक मंदिर त्रिकुटा पर्वत पर भी स्थित है और इसीलिए उन्हें त्रिकुटा देवी भी कहा जाता है।बता दें कि वैष्णों देवी के दर्शन के लिए एक घुमावदार गुफा से होकर गुजरना पड़ता है। आपको बता दें कि ये गुफा प्राकृतिक नहीं है।ऐसा इसलिए है क्योंकि पहले यहां पर काम संख्या में श्रद्धालु आते थे लेकिन समय बीतने के साथ ही यहां पर श्रद्धालु भी बढ़ने लगे और इसी को देखते हुए यहां पर एक कृत्रिम गुफा का निर्माण करवाया गया था। जब यहां भीड़ काबू से बाहर होती है तो इसकी प्राचीन गुफा के द्वार भी खोल दिए जाते हैं।
वैष्णों देवी की गुफा में एक गर्भ गृह भी है जिसके बारे में कहा जाता है कि अगर कोई यहां पर एक बार आ जाता है तो उसे जन्म-मरण के बंधन से मुक्ति मिल जाती है। यही वजह है कि लोग यहां पर ज्यादा तादात में आते हैं, लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि यहां पर जाने वाले बहुत से लोगों को इस बारे में कोई भी जानकारी नहीं होती है। धर्म के जानकारों के अनुसार इस गुफा का गर्भ गृह लोगों को मोक्ष प्राप्ति की और ले जाता है और उनके पाप भी धूल जाते हैं।
कहते हैं इस गर्भगृह में मां वैष्णों देवी की विशेष कृपा होती है। क्योंकि ये वही स्थान है जहां वैष्णों देवी निवास करती थीं। इस स्थान पर न सिर्फ देश बल्कि विदेशों से भी लोग आते हैं और मां की आराधना करते हैं। मान्यता के अनुसार जो भी यहां आया है उसे वैष्णों देवी की कृपा जरूर प्राप्त होती है।