अजब गजब

भारत के इस प्रदेश में है मौत का मंदिर, पुराणों में भी है इसका ज़िक्र

हिमांचल प्रदेश में स्थित है देव यमराज का मंदिर
इस मंदिर का ज़िक्र पुराणों में बेहद ही विचित्र है
इस मंदिर में एक अजीब सी ठंढक का एहसास होता है

May 16, 2019 / 02:51 pm

Priya Singh

मौत के देवता का मंदिर जहां हर आत्मा एक बार ज़रूर आती है, एक बार दर्शन करने से मिलता है ये फल

नई दिल्ली। मृत्यु जीवन का वह चरण है जिसे एक न एक दिन सबको पार कर के उस दुनिया में जाना होता है जहां आत्मा बस्ती है। इस पूरी दुनिया में जहां भी मंदिर है वह सुख व समृद्धि के देवी-देवताओं को समर्पित है। लेकिन भारत के हिमाचल प्रदेश ( Himachal Pradesh ) में दुनिया का इकलौता मृत्यु का मंदिर स्थित है। यह एक ऐसा मंदिर है जिसका ज़िक्र पुराणों में भी किया गया है। कहते हैं मरने के बाद हर जीव आत्मा इस मंदिर में एक बार ज़रूर आती है। हिमाचल प्रदेश के भरमौर में स्थित यह मंदिर देव यमराज को समर्पित है। पहली नज़र में इस मंदिर को देखने से यह एक आम मंदिर ही दिखेगा। लेकिन इस मंदिर का ज़िक्र पुराणों में बेहद ही विचित्र है।

पुराणों के अनुसार, इस मंदिर को धरती के भौतिक आयाम का केंद्र कहा गया है। यानी जिस भौतिक सृष्टि को पुराणों में माया कहा गया है इसी जगह पर सुका केंद्र है। कहते हैं जब भी किसी जीवात्मा की मृत्यु होती है तो वह माया से बाहर आ जाती है। जिसके बाद उसे एक केंद्र से दूसरे आयाम में जाना पड़ता है। इसी केंद्र पर मृत्यु के देवता यमराज हर जीवात्मा को उसके कर्मों का फल देते हैं। पुराणों की मानें तो हमारे भौतिक आयाम में यमदूत भी रहते हैं। यमदूत ही आत्मा को यमराज के पास लेकर जाते हैं।

बता दें कि इस मंदिर में एक कमरा खाली रखा गया है जिसे यमराज कक्ष कहा गया है। मंदिर में चार दरवाज़े हैं जो की सोने, चांदी, लोहे और तांबे के बने हुए हैं। कहते हैं हर आत्मा अपने कर्मों के हिसाब से इन द्वारों से भेजी जाती हैं। एक महान आत्मा को ही सोने के द्वार से जाने की अनुमति मिलती है। इस मंदिर में अधिकतम भक्त बहार से ही माथा टेककर चले जाते हैं। कहते हैं इस मंदिर में एक अजीब सी ठंढक का एहसास होता है। यहां पूजा करने वाले लोगों के मन से अकाल मृत्यु का भय चला जाता है।

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