मेक्सिको के इस गांव में बच्चे पैदा तो ठीक होते हैं। लेकिन जन्म के कुछ ही दिनों बाद उनकी आंखों की रोशनी चली जाती है। इस गांव को अंधों का गांव भी कहा जाता है। इस अजीब बीमारी या अभिषाप की वजह से ये गांव मशहूर हो गया है। जिस किसी को भी इस गांव के बारे में पता चलता है वो दंग रह जाता है।
टिल्टेपक गांव का रहस्य
मेक्सिको में बसा टिल्टेपक गांव लोगों के लिए किसी रहस्य से कम नहीं है। वजह बच्चों के आंखों की रोशनी चले जाना। अंधों के गांव के रूप में मशहूर इस गांव में इंसान से लेकर जानवर तक अंधे हैं।
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ये दुनिया का एकमात्र गांव हैं, जहां सिर्फ और सिर्फ अंधे लोग ही रहते हैं। इस गांव में जेपोटेक जनजाति के लोग रहते हैं। यहां पैदा होते समय बच्चे की आंखें ठीक होती हैं, लेकिन समय के साथ उनकी रोशनी चली जाती है। इस तरह गांव में रहने वाले सभी लोग अंधे हैं। इसमें इंसान ही नहीं, बल्कि जानवर के बच्चे भी शामिल हैं।
इस वजह से चली जाती है रोशनी
ग्रामीणों की मानें तो उनकी आंखों की रोशनी जाने के पीछे जो वजह है कि वो है इस इलाके के पेड़। गांव वाले इस पेड़ अपने अंधेपन का कारण मानते हैं। स्थानी लोगों का मानना है कि गांव में एक श्रापित पेड़ है। ये पेड़ कई वर्षों से इस गांव में मौजूद है।
लोग इस पेड़ को ही फैले श्राप का कारण मानते हैं। उनका कहना है कि जैसे ही लोग इस पेड़ को देखते हैं, वो अंधे हो जाते हैं। हालांकि कुछ लोग इस बात को सिर्फ अंधविश्वास मानते हैं और कहते हैं इसके पीछे जरूरी कोई वैज्ञानिक कारण होगा, जो उन्हें पता नहीं है।
मेक्सिको में बसा टिल्टेपक गांव लोगों के लिए किसी रहस्य से कम नहीं है। वजह बच्चों के आंखों की रोशनी चले जाना। अंधों के गांव के रूप में मशहूर इस गांव में इंसान से लेकर जानवर तक अंधे हैं।
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इस वजह से चली जाती है रोशनी
ग्रामीणों की मानें तो उनकी आंखों की रोशनी जाने के पीछे जो वजह है कि वो है इस इलाके के पेड़। गांव वाले इस पेड़ अपने अंधेपन का कारण मानते हैं। स्थानी लोगों का मानना है कि गांव में एक श्रापित पेड़ है। ये पेड़ कई वर्षों से इस गांव में मौजूद है।
लोग इस पेड़ को ही फैले श्राप का कारण मानते हैं। उनका कहना है कि जैसे ही लोग इस पेड़ को देखते हैं, वो अंधे हो जाते हैं। हालांकि कुछ लोग इस बात को सिर्फ अंधविश्वास मानते हैं और कहते हैं इसके पीछे जरूरी कोई वैज्ञानिक कारण होगा, जो उन्हें पता नहीं है।
क्या बोलते हैं विशेषज्ञ
वहीं जानकारों की मानें तो इस गांव में एक जहरीली मक्खी भारी संख्या में पाई जाती है। ये मक्खी ही लोगों को काटती है और इसके साथ ही वो अंधे हो जाते हैं।
जब मेक्सिको सरकार को इस गांव के बारे में पता चला तो उन्होंने गांव वालों की मदद की कोशिश की, लेकिन सारी कोशिश बेकार हो गई। सरकार ने लोगों को दूसरी जगह बसाने की कोशिश की थी लेकिन उनकी बॉडी दूसरी जलवायु में एडाप्ट नहीं कर पाई। यही वजह है कि सरकार ने ग्रामीणों को उन्हीं के हाल पर छोड़ना पड़ा।
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वहीं जानकारों की मानें तो इस गांव में एक जहरीली मक्खी भारी संख्या में पाई जाती है। ये मक्खी ही लोगों को काटती है और इसके साथ ही वो अंधे हो जाते हैं।
जब मेक्सिको सरकार को इस गांव के बारे में पता चला तो उन्होंने गांव वालों की मदद की कोशिश की, लेकिन सारी कोशिश बेकार हो गई। सरकार ने लोगों को दूसरी जगह बसाने की कोशिश की थी लेकिन उनकी बॉडी दूसरी जलवायु में एडाप्ट नहीं कर पाई। यही वजह है कि सरकार ने ग्रामीणों को उन्हीं के हाल पर छोड़ना पड़ा।
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