लाल रंग (Red Color) के दिखने वाले ये मशरूम काफी आकर्षक लगते हैं, लेकिन इन्हें खाना खतरे से खाली नहीं है। विशेषज्ञों की मानें तो इसे छूने मात्र से ही शरीर में सूजन आ सकती है। जेम्स कुक विश्वविद्यालय (जेसीयू) के शोधकर्ताओं के मुताबिक, पूरी दुनिया में ये अकेला ऐसा कवक है, जिसका जहर त्वचा के जरिए भी पहुंच सकता है। इसका वैज्ञानिक नाम पोडोस्ट्रोमा कॉर्नू-डामा है। वैसे तो ये मशरूम जापान और कोरिया में पाया जाता है, लेकिन बाद में ये ऑस्ट्रेलिया के क्वींसलैंड में भी पाया गया।
बताया जाता है कि दक्षिण कोरिया कई लोगों ने इसे जड़ी-बूटी समझकर इसका इस्तेमाल कर लिया। इसके बाद कई लोगों की मौत हो गई थी। जांच करने पर पता चला कि उनके ऑर्गन फेल गए थे यानी शरीर के अंगों ने काम करना बंद कर दिया था। इस कवक के सेवन से इंसान का ब्रेन डैमेज भी हो सकता है। ये जहरीला मशरूम सबसे पहले साल 1895 में चीन में खोजा गया था। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ऑस्ट्रेलिया में मशरूम को ज्यादा पसंद नहीं किया जाता इसके चलते पहले इस मशरूम को कोई नहीं जानता था।