अजब गजब

कमजोर दिल वालों को है इस ट्रेन पर चढ़ने की मनाही, आखिर क्यों इसमें सफर के दौरान पैसेंजर्स थाम लेते हैं सांसे

हम जिस रेलवे ट्रेक के बारे में जा रहे हैं वहां जाना कोई सामान्य बात नहीं है। यदि कोई कमजोर दिल वाला है तो उसका यहां आना निषेध है।

Nov 02, 2018 / 05:29 pm

Arijita Sen

कमजोर दिल वालों को है इस ट्रेन पर चढ़ने की मनाही, आखिर क्यों इसमें सफर के दौरान पैसेंजर्स थाम लेते हैं सांसे

नई दिल्ली। सफर चाहें बस से करें या कार से, लेकिन जो मजा रेलवे में सफर के दौरान मिलता है वह और कहीं नहीं मिलती है। बच्चे से लेकर बूढ़े तक लगभग सभी को ट्रेन में यात्रा करना अच्छा लगता है। देश-विदेश में आपने कई तरह के ट्रेनों में सफर किया होगा, लेकिन आज हम जिस रेलवे ट्रेक के बारे में जा रहे हैं वहां जाना कोई सामान्य बात नहीं है। यदि कोई कमजोर दिल वाला है तो उसका यहां आना निषेध है।

 

हम यहां स्विटजरलैंड के पिलाटस की बात कर रहे हैं। यहां एक ऐसा रेलवे ट्रैक स्थित है जो करीब दो हजार मीटर की ऊंचाई तक जाती है और तो और यात्रा करने के दौरान कई तीखे ढालों में से होकर गुजरती है। बता दें, इस रेलवे ट्रेक की लंबाई करीब 4.5 किलोमीटर है। यह ट्रेन पिलाटस रेलवे सेवा की ओर से चलाई जाती है जो अल्पनाचस्ताद और माउंट पिलाटस को आपस में जोड़ती है। इस दूरी को तय करने के दौरान इसे एक या दो मीटर नहीं बल्कि 1600 मीटर की ढाल की चढ़ाई करनी पड़ती है।

 

 Pilatus Railway

सन् 1873 में पहली बार इस रेलवे ट्रेक को बनाने का प्रस्ताव दिया गया था और 1889 में इसका उद्घाटन किया गया था। उस जमाने में इसे भाप से चलाया जाता था जिसे बाद में इलेक्ट्रानिक कर दिया गया। 9 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली यह रेल आज भी पुरानी पटरियों पर दौड़ती है। जी हां, आज भी यह 100 साल पुरानी पटरियों में से चलकर सफर को पूरा करती है। हालांकि डिब्बों में समय के साथ-साथ कुछ परिवर्तन किए गए हैं।

 

 Pilatus Railway

एक साथ 32 यात्री बैठकर इस रोमांचकारी सफर में हिस्सा ले सकते हैं। बता दें, यह मई से नवम्बर तक खुलती है और इसके बाद सर्दियों में इसे कार की मदद से खींचा जाता है। सुनने में भले ही यह मजेदार लगे, लेकिन इसमें यात्रा करने के दौरान अच्छे-अच्छों को पसीने आ जाते हैं।

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