इस सवाल पर भगवान विष्णु कुछ समय के लिए मौन हो गए क्योंकि इसका जवाब देना उनके लिए आसान नहीं था। एक तरफ उनकी पत्नी थीं और दूसरी ओर एक अप्रिय ग्रह शनि देव थे। भगवान विष्णु को पता था कि अगर वह सच्चाई बता देंगे तो शनिदेव नाराज हो जाएंगे। भगवान विष्णु को मौन देख शनि देव ने दोबारा इस सवाल को दोहराया।
इसी बीच भगवान विष्णु को एक तरकीब सूझी। उन्होंने कहा कि शनि देव आप लक्ष्मी जी के साथ उस सामने वाले वृक्ष तक जाए और उसे स्पर्श कर पेड़ का एक पत्ता लेकर प्रमाण स्वरूप मेरे पास लेकर आए। दोनों में इस बात को जानने की उत्सुकता थी कि भगवान विष्णु आखिर उनके बारे में क्या सोचते हैं?
जब दोनों पेड़ की ओर जा रहे थे तो उस वक्त भगवान विष्णु दोनों को अपलक देखते रहे। कुछ देर बाद दोनों ने वृक्ष को स्पर्श कर प्रमाण स्वरूप एक एक पत्ता लेकर वापस आ गए। अब थी जवाब देने की बारी।
भगवान विष्णु ने कहा कि ‘हे शनि! तुम जाते हुए मुझे अच्छे लग रहे थे’ और ‘हे लक्ष्मी! तुम आती हुई अच्छी लग रही थी’।
भगवान विष्णु द्वारा दिए गए इस जवाब को सुनकर दोनों प्रसन्न हो गए। अब आपको बताते हैं कि इसका अर्थ क्या था? भगवान विष्णु के इस जवाब का तात्पर्य यह था कि शनि उतरता हुआ यानी कि जाता हुआ ही शुभ होता है और लक्ष्मी आती हुई अच्छी लगती हैं।