इस समस्या को देखते हुए ब्रिटिश अफसरों ने एक समाधान निकालते हुए पुलिस वर्दी के लिए खाकी रंग चुना। साल 1847 में अंग्रेज अफसर सर हैरी लम्सडेन ने पहली बार आधिकारिक तौर पर खाकी रंग की वर्दी को अपनाया था। पश्चिम बंगाल पुलिस का गठन ब्रिटिश सरकार के अधीन पुलिस कानून 1861 के तहत किया गया था। तब से आज तक वर्दी खाकी रंग की ही रही। लेकिन कोलकाता पुलिस ने अंग्रेज़ी सरकार के इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया। उनका कहना था कि तटीय इलाका होने की वजह से काफी गर्मी और नमी रहती है और ऐसे में वैज्ञानिक दृष्टिकोण से सफेद रंग ज्यादा बेहतर है। उन्होंने सफेद रंग का चुनाव किया क्योंकि यह रंग सूरज की रोशनी को रिफ्लेक्ट करके गर्मी से बचाता है। बता दें इसी तरह अलग-अलग देशों में पुलिस की वर्दी को अपना अलग इतिहास है और अपनी अलग प्राथमिकताएं भी हैं।